Oct 06 2016 01:58 PM
नई दिल्ली : दिल्ली में सफाई के मसले पर नगरीय निकायों नगर निगम और डीडीए घिर गई हैं। दरअसल उच्च न्यायालय ने द्वारका सबसिटी में गंदगी पसरी होने के एक मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि ये एजेंसियां जिस तरह से कार्य कर रही हैं उससे केंद्र की महत्वाकांक्षी योजना स्वच्छ भारत योजना का भी नुकसान हो रहा है इन एजेंसियों द्वारा दिल्ली उच्च न्यायालय का सम्मान तक नहीं रखा गया है।
इस मामले की सुनवाई करने वाले जज न्यायमूर्ति बीडी अहमद और आशुतोष कुमार की खंडपीठ ने एजेंसियों के वकीलों और संबंधितों से कहा कि दिल्ली हमारा ड्राईंग रूम है और ऐसे ड्रांईंग रूम में आप किसी को बुलाना नहीं चाहेंगे जहां कमरों के बीच कूड़ा रखा गया हो।
न्यायालय ने कहा है कि जो भी लोग खुले में कचरा डालें या कूड़ा फैंके उन पर आईपीसी के अंतर्गत कार्रवाई की जाए। ऐसे में लोगों से जुर्माना वसूल किया जाए। न्यायालय ने कहा कि सीसीटीवी कैमरों के माध्यम से पुलिस लोगों पर नज़र रखे। गौरतलब है कि दिल्ली में डेंगू, चिकनगुनिया, मलेरिया जैसे रोक फैल गए हैं और लोगों से साफ - सफाई की अपील की जा रही है।
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