नई दिल्ली: दिल्ली उच्च न्यायालय ने जेएनयू छात्र संघ चुनाव के परिणाम पर लगी रोक को हटा दिया है. उच्च न्यायालय ने याचिकाकर्ता को फटकार लगाते हुए कहा कि आपके जानकारी के बाद हमने चुनाव परिणाम पर रोक लगा दी थी, किन्तु आपकी जानकारी सही नही थी. अदालत ने कहा कि याचिकाकर्ता या फिर कोई अन्य किसी को भी कोई समस्या है, किसी भी चीज के लिए नियम के अनुसार जीआरसी में जा कर शिकायत करें. जीआरसी सुनवाई करेगी और नियम के अनुसार आपकी शिकायत पर फैसला लेगी.
वहीं, जेएनयू चयन समिति ने जवाब दाखिल करते हुए कहा है कि लिंगदोह समिति की सिफारिशों का छात्र संघ चुनाव में पालन किया गया है. याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में गलत जानकारी दी. जेएनयू में कभी भी55 काउंसलर नही थे. पहले जेएनयू में 30 काउंसिलर थे अब ये संख्या बढ़ा कर 46 कर दी गई है. लिहाजा, कभी भी चुनाव में लिंगदोह कमिटी की सिफारिशों की अनदेखी नही की गई. चयन समिति ने अदालत को ये भी बताया की चुनाव के परिणाम सील बंद लिफाफे में है. ट्रेंड बताया गया था परिणाम नही. जीतने वाले उम्मीदवार और नंबर दो उम्मीदवार में एक हज़ार वोटों का फैसला है.
आपको बता दें याचिका में आरोप लगाया गया था कि चयन समिति ने लिंग्दोह कमेटी की सिफारिशों की अवहेलना करके छात्रसंघ का चुनाव कराया है. अंशुमान दुबे और अनुज कुमार द्विवेदी ने याचिका में जेएनयूएसयू का चुनाव लिंग्दोह समिति की सिफारिशों के तहत कराने की मांग की गई थी.
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