महिलाओ को हक़ दिलाने वाली लीला सेठ ने ली अंतिम साँस
महिलाओ को हक़ दिलाने वाली लीला सेठ ने ली अंतिम साँस
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नई दिल्ली. दिल्ली हाईकोर्ट की पहली महिला जज और जाने माने लेखक विक्रम सेठ की माँ लीला सेठ का निधन हो गया है. लीला सेठ 86 साल की थी, उन्होंने दिल्ली स्थित अपने घर पर आखरी साँस ली. वह 1958 में लंदन बार की एग्जाम में शीर्ष स्थान पाने वाली पहली महिला बनी.

उन्होंने पटना हाई कोर्ट में लगभग 10 वर्षो के लिए कानून की प्रेक्टिस भी की और टैक्स, सिविल और अपराध मामलो को भी हेंडल किया. 1978 में वह पहली दिल्ली हाईकोर्ट में नियुक्त पहली महिला जज बनी. हिन्दू उत्तराधिकार कानून में परिवर्तन करवाने में उनका नाम भी शामिल रहा, जिसके जरिए बेटियों को भी पारिवारिक सम्पत्ति में हिस्से का अधिकार मिला था.

उनकी दिवगंत होने पर लेखक और इतिहासकार रामचंद्र गुहा ने ट्वीट कर कहा कि जस्टिस लीला सेठ एक अद्भुत इंसान थी. वेस्ट बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि वह दुखी है सेठ के गुजरने पर. वह ह्यूमन राइट्स में चैंपियन थी, मेरी संवेदनाए उनके परिवार के साथ है.

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