नई दिल्ली : जवाहर लाल नेहरु यूनिवर्सिटी में हुए देश विरोधी कार्यक्रम के संबंध में दिल्ली सरकार ने अपनी फैक्ट रिपोर्ट पेश की है। इस रिपोर्ट में कन्हैया कुमार और उमर खालिद को क्लीन चिट दे दी गई है जबकि इनके अन्य दो साथी अनिर्बान भट्टाचार्य और आसुतोष को अफजल के समर्थन में नारे लगाने का दोषी पाया गया है।
इस रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि पुलिस को कन्हैया के राष्ट्र विरोधी भाषण के खिलाफ कोई सबूत नहीं मिले है। रिपोर्ट में जेएनयू के सुरक्षाकर्मियों द्वारा बनाई गई फुटेज का हवाला देकर कहा गया है कि कश्मीर के आत्मनिर्णय का समर्थन करने वाले कार्यक्रम के मुख्य आयोजक उमर खालिद ने जो नारे लगाए उनमें कहा गया है कि कश्मीर की जनता संघर्ष करो, हम तुम्हारे साथ हैं।
रिपोर्ट के अनुसार, कैंपस में नारे बाहरी लोगों ने लगाए। अनिर्बान और आशुतोष की आवाज पहचानने वाले सिक्योरिटी गार्ड का कहना है कि उन्होने अफजल की हत्या नहीं सहेंगे के नारे लगाए थे। रिपोर्ट में लिखा गया है कि कश्मीर समर्थक लोगों ने नारे लगाए, जिसमें से कइयों ने अपने मुंह को कपड़े से बांध रखा है।
कार्यक्रम के दौरान मीडिया की मौजूदगी पर कहा गया है कि रजिस्टर में दर्ज की गई एंट्री के अनुसार, अखिल भारतीय विद्दार्थी परिषद् के सौरभ शर्मा ने शाम करीब 5.20 बजे जी न्यूज को बुलाया था। चेनल की टीमें यूनिवर्सिटी प्रशासन की इजाजत के बिना कैंपस में आई थी। दिल्ली सरकार की फेक्ट रिपोर्ट में लिखा गया है कि एफआईआर में पुलिस ने वीडियो का हवाला देकर कहा था कि कुछ लोगों ने उमर खालिद के नेतृत्व में राष्ट्र विरोधी नारे लगाए।
एफआईआर में ये कहीं भी नहीं लिखा है कि उमर खालिद या कन्हैया ने ये नारे लगाए। पुलिस अफसरों ने भी पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाए जाने पर संदेह जताया है। साथ ही उन्होंने इस बात की पुष्टि भी नहीं की है कि ये नारे किसने लगाए।