नई दिल्ली: जल संचय के लिए लीज पर जमीन देने वाले किसानों को दिल्ली सरकार प्रति वर्ष 77000 रुपए प्रति एकड़ की दर से भुगतान करेगी. दरअसल, दिल्ली के गिरते जल स्तर को बचाने के लिए केजरीवाल सरकार ने प्राकृतिक तरीके से जल संचय करने का निर्णय लिया है. अपनी इस योजनाओं को अमलीजामा पहनाने के लिए दिल्ली सरकार ने 10 जुलाई को हुई मंत्रिमंडल की बैठक में जय संचय प्रोजेक्ट पर इंटर-डिपार्टमेंटल कमेटी की रिपोर्ट को हरी झंडी दिखा दी है.
गौरतलब है कि इंटर-डिपार्टमेंटल कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में इस महत्वाकांक्षी परियोजना के लिए लीज पर अपनी जमीन देने वाले किसानों को सालाना 77,000 रुपए प्रति एकड़ की दर से देने की अनुमति दी है. इस पायलट प्रोजेक्ट के लिए किसानों को उनकी जमीन के हिसाब से रकम प्रदान की जाएगी. दिल्ली सरकार के उच्च अधिकारी के मुताबिक, देश में अपनी तरह के इस पहले प्रोजेक्ट में यमुना फ्लड प्लेन एरिया में प्राकृतिक तरीके से जल संचय किया जाएगा. इस योजना के पायलट प्रोजेक्ट के इस महीने शुरू करने की तैयारी है.
उन्होंने बताया कि दिल्ली में विशेष तौर पर गर्मियों के दिनों में पानी की किल्लत को दूर करने के लिए यह एक बेहद महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट है. प्रोजेक्ट के तहत, यमुना फ्लड प्लेंस के अंतर्गत आने वाले पल्ला और वजीराबाद इलाकों में जल संचय के लिए बड़ा जलाशय निर्मित किया जाएगा. इसके अलावा, फ्लड प्लेंस में छोटे-छोटे तालाब बनाए जाएंगे, जिनमें वर्षा के दौरान यमुना में बहने वाले पानी को एकत्रित किया जाएगा.
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