दिल्ली: चुनाव और सभा क्षेत्र में मुकाबला रोमांचक होता जा रेहा है.वहीं एक ही दिन में जहां यहां के वर्तमान विधायक मनोज कुमार ने बीजेपी का दामन थाम लिया है, वहीं कांग्रेस के पूर्व पार्षद आनंद कुमार आप में शामिल हो गए हैं. मनोज कुमार के बीजेपी में शामिल होने की वजह से गुर्जर समाज नाराज हो गया है क्योंकि पिछले दिनों कुमार ने गुर्जर समाज को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी की गई थी. जंहा यह भी कहा जा रहा है कि इसी वजह से देश के रक्षामंत्री की जनसभा में भी बीजेपी के पार्षद राजीव कुमार ने मंच साझा नहीं किया जबकि उन्हें बार-बार मंच पर आने के लिए कहा गया. जिससे यहां टकराव की स्थिति बन गई है.
कोंडली विधानसभा सीट अनुसूचित जाति के लिए सुरक्षित है, हालांकि यहां के चार में से तीन वार्ड सामान्य श्रेणी में हैं. वर्तमान में यहां से आम आदमी पार्टी की टिकट पर चुनाव लड़े मनोज कुमार विधायक हैं. जंहा रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की कल्याणपुरी बस टर्मिनल पर हुई जनसभा में वह बीजेपी में शामिल हुए. राजनाथ सिंह ने उन्हें पटका पहनाकर बीजेपी का सदस्य बनाया. इस मौके पर मनोज कुमार ने कहा कि आम आदमी पार्टी ने दिल्ली वासियों के साथ धोखा किया है. भ्रष्टाचार खत्म करने के लिए पार्टी बनी थी, लेकिन भ्रष्ट लोगों को ही तरजीह दी जा रही थी. मैंने ईमानदारी से कार्य किया इस वजह से पार्टी ने मुझे टिकट नहीं दिया. लेकिन बीजेपी ने यहां से जमीन से जुड़े और झुग्गी में रहने वाले व्यक्ति को टिकट दिया है इस कारण मैं प्रभावित हुआ. बीजेपी देश हित में कार्य कर रही है. इस कारण मैं बीजेपी में शामिल हुआ हूं. बीजेपी प्रत्याशी के समर्थन में मैंने अपना निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में भरा नामांकन भी वापस ले लिया है.
वहीं इस बात का पता चला है कि मनोज कुमार के पार्टी में शामिल होते ही बीजेपी में टकराव की स्थिति हो गई थी. राजनाथ सिंह के कार्यक्रम में इसी विधानसभा क्षेत्र के वार्ड दल्लूपुरा से बीजेपी पार्षद राजीव चौधरी को कई बार मंच पर आने के लिए कहा गया लेकिन उन्होंने मनोज कुमार की मौजूदगी की वजह से मंच पर आने से मना कर दिया. जंहा कई लोगों ने उन्हें मनाने की कोशिश की लेकिन वे नहीं मानें और कार्यक्रम से चले गए. बताया जाता है कि पिछले दिनों डलावघर हटाने को लेकर प्रदर्शन चल रहा था इस दौरान मनोज कुमार ने गुर्जर समाज को लेकर आपत्तिजनक बातें कह दी थीं जिससे समाज नाराज हो गया और 24 गांवों की महापंचायत बुलाकर मनोज कुमार का विरोध किया और मुख्यमंत्री अर्रंवद केजरीवाल तक भी बात पहुंचाई. पार्षद का कहना था कि अगर विधायक को पार्टी में शामिल ही करवाना था तो इस संबंध में गुर्जर समाज के बीच बात रखनी चाहिए थी.
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