असम को भारत से काटने की बात करने वाले शरजील को जेल या बेल ? कोर्ट ने सुरक्षित रखा फैसला
असम को भारत से काटने की बात करने वाले शरजील को जेल या बेल ? कोर्ट ने सुरक्षित रखा फैसला
Share:

नई दिल्ली: नागरिक संशोधन कानून (CAA) के विरोध के नाम पर आरंभ होकर हिंदू विरोधी दंगों में बदले विरोध प्रदर्शन के मुख्य साजिशकर्ताओं में से एक जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU) के पूर्व छात्र शरजील इमाम (Sharjeel Imam) की जमानत याचिका का गुरुवार (10 फरवरी) को सुनवाई के दौरान विशेष लोक अभियोजक अमित प्रसाद ने विरोध किया। प्रसाद ने कोर्ट में दलील दी कि शाहीन बाग  प्रदर्शन के दौरान शरजील इमाम ने भड़काऊ भाषण देते हुए कहा था कि, 'ये तो अभी ट्रेलर है, फिल्म तो अभी बाकी है।'

 

शरजील इमाम और उमर खालिद के अलावा 5 अन्य आरोपियों की जमानत याचिका पर अदालत सुनवाई कर रही थी। SPP प्रसाद ने इस दौरान शरजील इमाम और उसके भाई मुजम्मिल के बीच हुई बातचीत की चैट भी पेश की। उन्होंने बताया कि चैट में शरजील इमाम ने कहा है कि, ‘हम दोनो ही मास्टरमाइंड हैं’ (शाहीन बाग के)। इस पर शरजील के वकील ने तर्क दिया कि उसके मुवक्किल की गिरफ्तारी साजिश रचने को लेकर नहीं, बल्कि गिरफ्तारी से पहले हुए भाषण को लेकर है। इस पर अमित प्रसाद ने कहा कि इस प्रकार का तर्क, गलत दिशा में दिया गया तर्क है। क्रिकेट का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि एक टीम जब खेलती है तो प्रत्येक प्लेयर का अपना महत्व होता है। यदि बैटिंग के दौरान में सलामी बल्लेबाज़ी का विकेट गिर जाता है तो इसका मतलब यह नहीं कि टीम ने खेल जीतने का इरादा छोड़ दिया।

इस दौरान सरकारी वकील प्रसाद ने आरोपपत्र पढ़कर कोर्ट को बताया कि साजिशकर्ता कानूनी रूप से चुनी गई सरकार को उखाड़ फेंकना चाहते थे और इसके लिए अराजकता फैलाना और हिंसा भड़काना चाहते थे। अमित प्रसाद ने आगे कहा कि, 'मैं पहले ही दिखा चुका हूँ कि उमर खालिद ने शरजील इमाम को और फिर उसने गुलफिशा को क्या निर्देश दिए थे। बैठक में दिए गए निर्देशों में साजिश साफ़ है।' प्रसाद ने कोर्ट को बताया कि इसके लिए ‘खिदमत’, ‘संविधान बचाओ’ जैसे व्हाट्सएप ग्रुप बनाए गए थे।

जमानत याचिका के विरोध में बोलते हुए उन्होंने आगे कहा कि शरजील इमाम ने जंगपुरा एक्सटेंशन के बेसमेंट में एक सभा के संबंध में एक संदेश भेजकर ‘MSJ’ के सदस्यों को भी हिस्सा लेने के लिए प्रोत्साहित किया। शरजील इमाम 15 दिसंबर 2019 की सुबह JNU में एक ढाबे पर MSJ कोर कमेटी से भी मिला था, ताकि उनकी भविष्य की योजनाओं पर चर्चा की जा सके। उन्होंने PFI, जमात ए इस्लामी हिंद और अन्य समूहों की सहायता भी ली थी। दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद अदालत ने 2020 के दिल्ली दंगों के आरोपित शरजील इमाम को जमानत देने के मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है।

क्या था शरजील इमाम का बयान:-

वैसे तो शरजील इमाम का भाषण काफी लंबा है, लेकिन हम यहाँ उस हिस्से को पाठकों के समक्ष रख रहे हैं, जिसमे भड़काऊ और देश की अखंडता को नुकसान पहुंचाने वाली बातें कही गई हैं। CAA विरोधी कार्यक्रम में शरजील ने कहा था कि 'अब समय आ गया है कि हम गैर-मुस्लिमों से बोलें कि यदि वो हमारे हमदर्द हैं, तो हमारी शर्तों पर आकर खड़े हों। अगर वो हमारी शर्तों पर खड़े नहीं होते तो वो हमारे हमदर्द नहीं हैं। अगर 5 लाख लोग हमारे पास ऑर्गेनाइज्ड हों तो हम नॉर्थ-ईस्ट को हिंदुस्तान से परमानेंटली काट कर अलग कर सकते हैं। परमानेंटली नहीं तो कम से कम एक-आध महीने के लिए असम को हिंदुस्तान से काट ही सकते हैं। इतना मवाद डालो पटरियों पर, रोड पर कि उनको हटाने में एक महीना लगे। जाना हो तो जाएँ एयरफोर्स से।' इसका वीडियो आप You tube पर भी देख सकते हैं। 

कर्नाटक कोर्ट ने अंतरिम आदेश तक राज्य सरकार को आदेश दिया

HC ने K'taka सरकार को हरी झंडी दी: "स्कूल खोलें, कोई समस्या न हो"

'हिजाब पहले, शिक्षा बाद में ..', कर्नाटक में नारे लगाने वाली छात्रा के समर्थन में उतरा तालिबान

रिलेटेड टॉपिक्स
- Sponsored Advert -
मध्य प्रदेश जनसम्पर्क न्यूज़ फीड  

हिंदी न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_News.xml  

इंग्लिश न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_EngNews.xml

फोटो -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_Photo.xml

- Sponsored Advert -