नई दिल्ली : वर्ष 2010 के काॅमनवैल्थ घोटाले के मसले पर दिल्ली के न्यायालय द्वारा अपना निर्णय दिया गया है। दरअसल इस मसले पर 4 वर्ष की सजा सुनाई गई है। इस मामले में अन्य 5 लोगों को सजा सुनाई गई है। जिन 5 लोगों को 4 वर्ष की सजा सुनाई गई, उनमे 4 एमसीडी अधिकारी हैं। उल्लेखनीय है कि 1.42 करोड़ की स्ट्रीट लाईट घोटाले में सुनवाई पूरी कर दी गई थी। इस मसले पर सीबीआई द्वारा कोर्ट से दोषियों को कड़ी सजा दिए जाने को कहा था। इस दौरान कहा गया कि भ्रष्टाचार के मामले में नरमी बरती जानी चाहिए।
मिली जानकारी के अनुसार दिल्ली के न्यायालय ने काॅमनवेल्थ घोटाले से जुड़े मसले पर अपना निर्णय दिया। इस दौरान यह कहा गया कि न्यायालय ने एमसीडी के सुपरिडेंटेंट राजू वी और क्लर्क गुरचरण सिंह के अतिरिक्त निजी कंपनियों स्वेस्का पावरटेक इंजीनियरिंग लिमिटेड, एमडी टीपी सिंह डायरेक्टर जेपी सिंह को दोषी ठहराया गया।
इन आरोपियों पर आपराधिक साजिश, धोखाधड़ी, जालसाजी करने के साथ भ्रष्टाचार के मसले पर नरमी नहीं बरती जा सकती. काॅमनवेल्थ घोटाले से जुड़े मामले में यह कहा गया कि एमसीडी के सुपरिटेंडेंट डीके सुगन, एक्ज़ीक्युटिव इंजीनियर ओपी महला, अकाउंटेंट राजू वी के साथ टेंडर क्लर्क गुरचरण सिंह के अतिरिक्त निजी कंपनियों स्वेस्का पावरटेक इंजीनियरिंग लिमिटेड, के साथ जेपी सिंह को भी दोषी ठहराया गया। इस दौरान यह बात सामने आई है कि धोखाधड़ी, जालसाजी के साथ भ्रष्टाचार निवारण कानून से जुड़ी धाराओं के अंतर्गत आरोपियों पर कार्रवाई की गई।