दिल्ली : फ्री इलेक्ट्रिसिटी पर इस भाजपा नेता ने पूछा सवाल, पैसे कहां से आएंगे
दिल्ली : फ्री इलेक्ट्रिसिटी पर इस भाजपा नेता ने पूछा सवाल, पैसे कहां से आएंगे
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हाल ही में दिल्‍ली सरकार ने दिल्लीवासियों को 200 यूनिट तक बिजली बिल माफ करने की घोषणा की है. भाजपा ने आम आदमी पार्टी की सरकार की इस घोषणा को चुनावी स्‍टंट बताया है. भाजपा के दिल्‍ली प्रदेश अध्‍यक्ष मनोज तिवारी ने पूरी तरह से चुनावी स्टंट बताते हुए करारा हमला किया है. उन्‍होंने कहा कि चुनाव आ गया है, इसलिए मुख्यमंत्री मुफ्त का पिटारा खोल दिए हैं.केजरीवाल पर तंज कसते हुए कहा कि पिछले चुनाव में उन्होंने बिजली हाफ और पानी माफ का वादा किया था. सत्ता में आने के बाद कंडीशन लगा दिया. साथ ही भारी भरकम स्थायी शुल्क लगा दिया. भाजपा ने इसका जोरदार विरोध किया, तब दबाव में आकर बुधवार को घोषित टैरिफ में स्थायी शुल्क कम करने का ऐलान किया गया है.

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मीडिया रिपोर्ट के अनुसार इस तरह 16 माह में उपभोक्ताओं से लगभग साढ़े आठ सौ करोड़ वसूले गए हैं, उसे उपभोक्ताओं को रिफंड किया जाना चाहिए. इसके लिए अगर जरूरत पड़ी तो भाजपा सड़क पर उतरेगी. उन्‍होंने कहा कि केजरीवाल जो कहते हैं उसपर 5 से 6 फीसद अमल करते हैं. हम मुफ्त बिजली का स्वागत करते हैं, लेकिन उपभोक्ताओं के साढ़े आठ सौ करोड़ वापस करना होगा.नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने इस फैसले पर सवाल उठाया है. उन्‍होंने कहा कि चुनाव को देखकर अपनी नाकामी छिपाने के लिए केजरीवाल ने मुफ्त बिजली की घोषणा की है. टैक्स देने वालों के हित में कोई काम नहीं किया गया. दिल्ली के लोगों के लिए न तो कोई बस खरीदी गई और न सड़क बनाई गई और न कोई स्कूल कॉलेज खोले गए. जब सरकार ने कोई काम नहीं किया तो अब लोगों को गुमराह करने के लिए कभी मुफ्त मेट्रो यात्रा तो कभी मुफ्त बिजली की बात की जा रही है.

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आपकी जानकारी के लिए बता दे कि अपने बयान में आगे कहा कि सरकार बताए कि मुफ्त बिजली के लिए पैसा कहां से आएगा क्योंकि बजट में इसका प्रावधान नहीं है. इस स्थिति में सरकार को बताना चाहिए कि किस योजना का पैसा सब्सिडी में खर्च किया जाएगा. केजरीवाल ने सत्ता में आने से पहले कहा था कि बिजली कंपनियां दिल्ली सरकार को लूट रही हैं. सीएजी ऑडिट करने की बात कही थी. सरकार को बताना चाहिए कि सीएजी ऑडिट क्यों नहीं हुआ. मुख्यमंत्री कह रहे हैं कि पहले बिजली कंपनियां कंगाल थी। उन्हें यह भी बताना चाहिए कि कंपनियां मालामाल कैसे हुईं.

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