3 माह बाद दिसंबर में फिर चलेगा अतिक्रमण पर डंडा, तोड़े गए 5000 से ज्यादा घर व दुकाने
3 माह बाद दिसंबर में फिर चलेगा अतिक्रमण पर डंडा, तोड़े गए 5000 से ज्यादा घर व दुकाने
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देहरादून: पिछले 3 माह के विराम के बाद अब दिसंबर के दूसरे सप्ताह से फिर से अतिक्रमण के खिलाफ अभियान जारी किया जाएगा. वही इस कड़ी में प्रशासन शहर के करीब 3000 अतिक्रमणों के खिलाफ डंडा चलाया जाएगा. वही अब तक शहर में लगभग पांच हजार से ज्यादा छोटे-बड़े अतिक्रमण तोड़े जा चुके हैं. जंहा पिछले साल एक जनहित याचिका के फैसले पर हाईकोर्ट ने देहरादून शहर से अतिक्रमण हटाने के निर्देश दिए थे. इसके तहत वर्ष 1938 के नक्शे के आधार पर अतिक्रमणों को चिह्नित किया गया था. इस वर्ष फरवरी में जिलाधिकारी की ओर से कमेटी गठित कर अलग-अलग स्थानों पर अतिक्रमण हटाने का काम जारी किया जाना चाहिए.

वही मिली जानकारी के अनुसार लोकसभा चुनावों के चलते मार्च में आचार संहिता लगने से अभियान रोकना पड़ गया. इसके बाद दो सितंबर से अभियान को फिर से शुरू किया गया. लगभग एक माह तक चले अभियान के दौरान दो हजार से ज्यादा अतिक्रमण तोड़े गए, जबकि तीन हजार से ज्यादा  चिह्नित किए गए. जंहा अपर जिलाधिकारी प्रशासन रामजीशरण शर्मा ने बताया कि दिसंबर के प्रथम सप्ताह तक प्रशासनिक अमला अति विशिष्ट कामों में व्यस्त रहेगा. इसके बाद दूसरे सप्ताह से इस अभियान को फिर से शुरू किया जाएगा. इस संबंध में जल्द ही कार्ययोजना बनाई जा रही है. 
 
प्रेमनगर और डाकरा में होगी अतिक्रमण पर कार्रवाई: यदि यहाँ बात करें सूत्रों कि तो प्रेमनगर क्षेत्र में अतिक्रमण पर जल्द कार्रवाई की जाएगी. इसके लिए टास्क फोर्स का गठन कर दिया गया है. 22 नवंबर को कैंट बोर्ड की बैठक में कार्रवाई की तारीख तय की जाएगी. पहले प्रेमनगर और डाकरा में कार्रवाई की जाएगी. इसके बाद अवैध निर्माणों के खिलाफ कार्रवाई कि जाएगी. वही कैंट क्षेत्र गढ़ी के अंतर्गत प्रेमनगर और डाकरा में अतिक्रमणों की भरमार है. प्रेमनगर में सबसे ज्यादा अतिक्रमण हैं. लोगों ने सड़कों व नालियों के स्लैब बनाने के साथ ही अनधिकृत रूप से निर्माण किए जाने चाहिए. 

देहरादून में अतिक्रमण मामले में सरकार, नगर निगम से जवाब मांगा: सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक इस बात का पता चला है कि हाईकोर्ट ने देहरादून में किये गए अतिक्रमण मामले में दायर जनहित याचिका पर सुनवाई के बाद राज्य सरकार, छावनी परिषद, नगर निगम व एमडीडीए को नोटिस जारी कर चार सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं. वही मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन एवं न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई. देहरादून निवासी आकाश यादव ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा था कि देहरादून में लोगों ने सरकारी भूमि, सड़क और नालों के ऊपर अतिक्रमण किया गया है. जंहा नगर निगम अतिक्रमण को नहीं हटा रहा है और जहां पर अतिक्रमण हटाया जाना चाहिए. जंहा नगर निगम व एमडीडीए को नोटिस जारी कर चार सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने के निर्देश जारी किए है. 

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