नई दिल्ली: रक्षा मंत्रालय ने ऑर्डिनेंस फैक्ट्री बोर्ड (OFB) को आज (1 अक्टूबर) से भंग कर दिया है. अब सवाल उठता है कि इसमें काम करने वाले हजारों कर्मचारियों का क्या होगा? तो सरकार ने इसका भी प्रबंध कर दिया है. दरअसल ऑर्डिनेंड फैक्ट्री बोर्ड की संपत्ति, उसके कर्मचारियों और मैनेजमेंट को 7 नए स्थापित रक्षा सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (DPSU) में विभाजित कर दिया है. बता दें कि OFB एक रक्षा मंत्रालय की अधीनस्थ इकाई थी और तीनों सशस्त्र बलों एवं अर्धसैन्य बलों को अहम हथियार और गोला-बारूद की सप्लाई करती थी.
इसके साथ ही रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने यह भी साफ़ कर दिया है कि आयुध निर्माणी बोर्ड (ऑर्डिनेंस फैक्ट्री बोर्ड) के तक़रीबन 70,000 कर्मचारियों को इन नए सार्वजनिक उपक्रमों में शिफ्ट किया जा रहा है, किन्तु उनकी सेवा शर्तों में कोई संशोधन नहीं होगा. ‘आत्मनिर्भर भारत’ पैकेज के तहत, केंद्र सरकार ने गत वर्ष 16 मई को ऐलान किया था कि वह OFB के निगमीकरण द्वारा आयुध आपूर्ति में स्वायत्तता, जवाबदेही और दक्षता में सुधार करेगी.
रक्षा मंत्रालय की 200 वर्षों से भी पुरानी इस इकाई के पुनर्गठन का प्रस्ताव बहुत दिनों से लंबित था. रक्षा मंत्रालय ने 28 सितंबर के एक आदेश में कहा कि, ‘भारत सरकार ने एक अक्टूबर, 2021 से प्रभाव के साथ इन 41 उत्पादन इकाइयों और पहचाने गए गैर-उत्पादन इकाइयों का मैनेजमेंट, नियंत्रण, कामकाज और रखरखाव 7 सरकारी कंपनियों को सौंपने का निर्णय लिया है. ये 7 कंपनियां पूरी तरह से भारत सरकार के स्वामित्व वाली हैं.’
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