नई दिल्लीः केंद्र सरकार ने अपनी महत्वकांक्षी परियोजना मेक इन इंडिया को लेकर बड़ा कदम उठाया है। रक्षा मंत्रालय ने कल यानि सोमवार को भारतीय सेना के लिए 3,300 करोड़ रुपये से अधिक के रक्षा सौदों को हरी झंडी दे दी है। इसके तहत मेड इन इंडिया एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइलें शामिल है, जो दुश्मन के टैंकों को नेस्तनाबूत करने में सक्षम हैं। केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में रक्षा अधिग्रहण परिषद की बैठक हुई।
इस बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मेक इन इंडिया के अनुरूप भारत में निजी कंपनियों द्वारा रक्षा उपकरणों के डिजाइन, विकास और निर्माण के लिए तीन परियोजनाओं को मंजूरी दी गई। इन परियोजनाओं के तहत तीसरी पीढ़ी के एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल (ATGM), टी-72 और टी-90 टैंकों के लिए सहायक विद्युत इकाइयों (Auxiliary Power Units) का निर्माण शामिल है। तीसरी परियोजना में पहाड़ और ऊंचाई वाले इलाकों के लिए इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर (Electronic Warfare) प्रणालियों को लगाना है।
सरकार ने कहा कि रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर प्रणाली को डिजाइन और विकसित करेगा। इसके सीथ ही डीआरजीओ इसके उत्पादन में भागीदार भी होगा। तीसरी पीढ़ी के एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल युद्ध के समय में सुरक्षाबलों को आगे बढ़ने में सहायता करेंगे। एक आधिकारिक विज्ञप्ति के मुताबिक, मेक- II श्रेणी के तहत दोनों परियोजनाओं को आगे बढ़ाया जाएगा और निजी क्षेत्र में स्वदेशी अनुसंधान और विकास को बढ़ावा मिलेगा। रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि पहली बार भारतीय निजी उद्योग द्वारा जटिल सैन्य उपकरणों को डिजाइन, विकसित और निर्मित किया जाएगा।
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