देश के ऐसे विश्वविद्यालय जो ऑनलाइन कोर्स कराये जाने के लिए काफी समय से प्रयासरत थे. उनके लिए यह खबर काफी अच्छी हो सकती हैं, दरअसल, केंद्र सरकार ने देश के 15 प्रतिशत विवि को मंजूरी प्रदान कर दी हैं. ये 15 फीसदी विवि अब कोर्स को ऑनलाइन मोड में भी संचालित कर सकेंगे. सरकार के इस फैसले के साथ ही ये विवि जल्द ही इसके लिए अपनी तैयारियां भी प्रारम्भ कर देंगे. अगर इन विश्वविद्यालय के अलावा कोई भी विश्वविद्यालय बिना मंजूरी के यह कोर्स संचालित करते हैं, तो उन पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
केंद्र सरकार के इस फैसले से अब ऐसे विवि को तगड़ा झटका लगा हैं, जो अपने स्तर पर ही ऑनलाइन कोर्स करवा रहे थे. अब ये विवि भी बिना अनुमति के कोर्स संचालित नही कर पाएंगे. विश्वविद्यालय ऑनलाइन माध्यम से डिग्री, डिप्लोमा, सर्टिफिकेट कोर्स करवा सकेंगे. ऑनलाइन कोर्स कराये जाने की घोषणा केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने की. इस अवसर पर उन्होंने कहा कि, विश्वविद्यालयों का चयन नैक (राष्ट्रीय मूल्याकंन एवं प्रत्यापन परिषद) की रैकिंग के आधार पर होगा.
उन्होंने आगे कहा कि, इसे लेकर जल्द ही एक नियामक (रेगुलेशन) तैयार किया जाएगा. साथ ही देश में मौजूदा समय में जिन विश्वविद्यालयों में ऑनलाइन कोर्स संचालित हो रहे है. उन्हें अपनी रैकिंग ठीक करने के लिए दो साल का समय दिया जाएगा और इसके बाद भी अगर रैंकिंग में सुधार नहीं हुआ तो उनका कोर्स रद्द कर दिया जाएगा.
बिजनेस स्कूल में पढ़ाई जाएगी बाहुबली की शौर्य गाथा
केंद्रीय विद्यालय के बच्चों को मिलेगी विशेष सुविधा
JEE MAIN: निशक्त विद्यार्थियों के लिए किये गए बदलाव
जॉब और करियर से जुडी हर ख़बर न्यूज़ ट्रैक पर सिर्फ एक क्लिक में, पढिये कैसे करे जॉब पाने के लिए तैयारी और बहुत कुछ.