अमावस्या के साथ शुरू हो रहा दिसंबर, भूलकर भी न करें ये काम

अमावस्या के साथ शुरू हो रहा दिसंबर, भूलकर भी न करें ये काम
Share:

अमावस्या का दिन पूजा-पाठ, ध्यान और पितरों की पूजा के लिए बहुत विशेष कहा जाता है. इस दिन अपने पितरों की शांति के लिए पिंडदान करते हैं और तर्पण भी करने का काम करते है. इस वर्ष दिसंबर का माह अमावस्या तिथि से शुरू होने जा रहा है. शास्त्रों में अमावस्या को लेकर कुछ खास नियम के बारें में भी जानकारी दी गई है , इनका पालन नहीं करने वालों को बड़ी परेशानी का भी सामना करना पड़ सकता है.

मार्गशीर्ष अमावस्या दिसंबर में कब ? 

मार्गशीर्ष अमावस्या 1 दिसंबर 2024 को पड़ रहा है. यदि महिलाएं सच्चे मन से अमावस्या तिथि के दिन व्रत रखती हैं, तो उन्हें देवी-देवताओं की विशेष कृपा हासिल होती है. साथ ही पति की लंबी आयु के लिए भी आशीर्वाद मिलता है.

अमावस्या तिथि पर क्या न करें?:
कोई भी शुभ समारोह जैसे शादी या सगाई न करें, ऐसा करने पर उसमें सफलता, समृद्धि नहीं मिलती.
जानवरों को परेशान न करें, पितृ दोष लगता है.
पीपल, बड़ या कोई भी वृक्ष न काटें.
मांसाहारी भोजन या शराब का सेवन न करें, आर्थिक और मानसिक परेशानियां घेर लेती हैं.
चना, मसूर दाल, सरसों का साग और मूली न खाएं.
इस तिथि पर क्रोध करने से बचें, किसी का अपमान करने से बचें.
अमावस्या पर कौन-कौन से काम करने चाहिए

इस दिन सूर्योदय से पहले उठकर तीर्थ स्थान या पवित्र नदियों में स्नान करने का रिवाज होता है. घर पर ही पानी में गंगाजल की कुछ बूंदे मिलाकर नहाने से उतना ही पुण्य प्राप्त होता है.
पूरे दिन व्रत या उपवास के साथ ही पूजा-पाठ और श्रद्धानुसार दान देने का संकल्प लेना चाहिए.
पूरे घर में झाडू-पौछा लगाने के उपरांत गंगाजल या गौमूत्र का छिड़काव करें.
सुबह जल्दी पीपल के पेड़ पर जल चढ़ाएं,  पीपल और वट वृक्ष की 108 परिक्रमा करें इससे दरिद्रता खत्म हो जाती है.

Share:

रिलेटेड टॉपिक्स
- Sponsored Advert -
- Sponsored Advert -