विजय लक्ष्मी पंडित भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरु की बहन थीं। भारत के स्वतंत्रता आंदोलन में विजय लक्ष्मी पंडित ने अपना अमूल्य योगदान दिया था। श्रीमती विजयलक्ष्मी पंडित भारत की अग्रिम पंक्ति की ऐसी महिला थी जिन्होने एक साथ कई क्षेत्रो में पहल की थी। यहां बता दें कि वह प्रथम महिला मंत्री, प्रथम महिला राजदूत और भारत की प्रथम नारी थी जिन्हें संयुक्त राष्ट्र संघ जैसी संस्था की अध्यक्षा बनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। यहां बता दें कि विजय लक्ष्मी पंडित का जन्म 18 अगस्त 1900 में इलाहाबाद में हुआ था। उनके पिता मोतीलाल नेहरू और भाई भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरु थे। यहां बता दें कि विजयलक्ष्मी पंडित की मृत्यु 1 दिसंबर 1990 में हुई थी और तब वे 90 वर्ष की थी।
यहां बता दें कि उनका बचपन का नाम स्वरूप कुमारी था और जब उनका जन्म हुआ तब जवाहरलाल जी 11 वर्ष के थे। यहां बता दें कि वे चार पांच वर्ष की उम्र में ही फ्र्राटे से अंग्रेजी में बात करती हुयी भाई के साथ घुड़सवारी करने लगी थी इसके साथ ही इसी उम्र में सन 1904 में पिता के साथ यूरोप घूम आयी थी। फिर दोबारा 1926 में पति और भाई के साथ गयी। वहीं इसके बाद तो विजयलक्ष्मी का जीवन एक अंतर्राष्ट्रीय जीवन कहा जा सकता है।
यहां बता दें कि नेहरु जी की तरह स्वरूप कुमारी का पालन-पोषण, शिक्षण और रहन-सहन भी पाश्चात्य ढंग से हुआ। यहां बता दें कि कैबिनेट के पद को ग्रहण करने वाली वह पहली भारतीय थी। 1937 के चुनाव में विजयलक्ष्मी उत्तर प्रदेश विधानसभा की सदस्य चुनी गयी। वहीं उन्होंने भारत की प्रथम महिला मंत्री के रूप में शपथ ली साथ ही मंत्री स्तर का दर्जा पाने वाली भारत की वह प्रथम महिला थी।
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