नई दिल्ली : कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी अपने अभियान के अंतर्गत आज सुबह पैदल चलते हुए नागपुर से अमरावती पहुंचे। जहां उन्होंने किसानों का दर्द जाना। किसानों से मिलते हुए राहुल उनके साथ एक जाजम पर बैठे और किसान परिवार के बीच दिन का भोजन ग्रहण किया। विदर्भ के किसानों ने राहुल के बीच अपना दर्द रखा और अपनी परेशानी सामने रखी। सूखे की मार, बेमौसम बारिश और, गन्ना, कपास आदि फसलों की बर्बादी को लेकर किसानों ने राहुल गांधी से अपनी चर्चा शुरू की तो वह कांग्रेस की पिछली योजनाओं के साथ केंद्र की वर्तमान योजनाओं तक पहुंच गई।
किसानों ने अपनी परेशानी राहुल को एक एक कर सुनाई। यहां से किसानों की बात सुनने और उनसे चर्चा करने के बाद राहुल गांधी आत्महत्या करने वाले किसानों के परिजन से भी मिलेंगे। कांग्रेस उपाध्यक्ष करीब 175 लंबी यात्रा करेंगे। इस दौरान प्रातः 8 बजे से अब तक वे करीब 15 किलोमीटर की अपनी पदयात्रा तय कर चुके हैं। राहुल के उनके क्षेत्र में आते ही किसान उन्हें घेरकर अपनी बात सुनाने लगते हैं। नागपुर पहुंचने के बाद कार्यकर्ताओं और किसानों ने उनका स्वागत किया। किसानों से चर्चा करने के बाद उन्होंने पत्रकारों से चर्चा की।
उन्होंने कहा कि किसानों को जिस सरकार से मदद मिलनी चाहिए थी वह नहीं मिल रही है। किसानों की हालत देखने के बाद भी मैं आश्वासन नहीं दे सकता। हम पार्टी की ओर से जरूर मदद कर सकते हैं। केवल महाराष्ट्र ही नहीं पूरे देश में किसान परेशान है। विदर्भ के ऐसे हालात तो मैंने पहले कभी नहीं देखे। किसान के बीच सबसे बड़ा मुद्दा कर्ज का है। कर्ज के बोझ के तले किसान खुदकुशी कर रहे हैं। किसानों को लग रहा है कि सरकार ने उन्हें छोड़ दिया है। उन्होंने कहा कि किसान की उपज का न्यूनतम समर्थन मूल्य नहीं बढ़ना भी एक बड़ी परेशानी है। राहुल ने मानगांव के गुंजी, शाहपुर, चांदपुर, रेलवे तहसील के रामगांव, रजराना और तोेंगलबाद आदि गांवों का दौरा किया।
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