बांग्लादेश में 2 युद्ध आरोपियों के खिलाफ सजा-ए-मौत का वारंट
बांग्लादेश में 2 युद्ध आरोपियों के खिलाफ सजा-ए-मौत का वारंट
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ढाका : बांग्लादेश में एक विशेष न्यायाधिकरण ने आज चरमपंथी जमात-ए- इस्लामी के एक शीर्ष नेता समेत 2 आरोपी युद्ध अपराधियों के खिलाफ फांसी की सजा का वारंट जारी किया जिससे पाकिस्तान के खिलाफ देश के वर्ष 1971 के मुक्ति संग्राम के दौरान युद्ध अपराध करने के लिए उनकी फांसी की सजा का रास्ता साफ हो गया।

अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण ने जमात-ए-इस्लामी के महासचिव अली अहसान मोहम्मद मुजाहिद और BNP के पूर्व मंत्री सलाहुददीन कादर चौधरी के विरुद्ध वारंट जारी किये। उच्चतम न्यायालय ने कल पूरा फैसला प्रकाशित किया था। इसके बाद वारंट जेल अधिकारियों के पास भेजे गये, जिससे वर्ष 1971 के युद्ध में मानवता के खिलाफ अपराधों के 2 दोषियों को फांसी की सजा दिये जाने का रास्ता साफ हो गया।

67 वर्षीय मुजाहिद चरमपंथी जमात-ए-इस्लामी के दूसरे सर्वोच्च नेता हैं जिन्हें नरसंहार, हत्या का षड़यंत्र, प्रताड़ना, अपहरण जैसी वारदात में दोषी पाया गया। उन्हें 17 जुलाई 2013 को फांसी की सजा सुनाई गई थी। अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण ने चौधरी को 1 अक्तूबर 2013 को यातना, हत्या और नरसंहार समेत कई वारदात में फांसी की सजा सुनाई थी। अटार्नी जनरल महबूबे आलम के अनुसार सुप्रीम कोर्ट की अपील पीठ का पूरा फैसला जारी होने पर, फैसले पर अमल करने की प्रक्रिया आज शुरू हो गई। हालांकि आरोपी 15 दिन के समय में शीर्ष अदालत द्वारा फैसले के पुनर्विचार का अनुरोध कर सकते हैं।

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