भारत में 2080 तक गर्मियों से हुई मौतों की संख्या में दोगुनी बढ़ोतरी
भारत में 2080 तक गर्मियों से हुई मौतों की संख्या में दोगुनी बढ़ोतरी
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अहमदाबाद : भारतीय प्रबंधन संस्थान अहमदाबाद 'आईआईएम' की ओर से कराये गये अध्ययन में यह अनुमान जताया गया है कि भारत के शहरी इलाकों में 2080 तक गर्मी से संबंधित मौत के मामलों की संख्या में दोगुनी बढोतरी हो जायेगी. शहरी भारत में जबरदस्त हो रहे जलवायु परिवर्तन के तहत भीषण गर्मी से संबंधित मौत के मामलों में अनुमानित रूप से बढ़ोतरी हो रही है तथा आने वाले समय में इसका आकड़ा और भी बढ़ने का अनुमान है तथा इसको रोकने के लिए भारतीय नीति निर्माताओं को देश में जलवायु परिवर्तन की चुनौती को लेकर योजना बनानी चाहिए और इस समस्या से निपटना चाहिए. नही तो आने वाली स्थिति और भी विकट हो जाएगी. एक अध्यन के मुताबिक इस साल गर्मियों में 2000 से अधिक लोगों की मौत हुई.

इस अध्ययन को आईआईएम-ए के शोधार्थी अमित गर्ग, भारतीय गांधीनगर संस्थान के विमल मिश्रा और दिल्ली आधारित गैर सरकारी संगठन 'काउंसिल फॉर एनर्जी, इनवायरमेंट एंड वाटर' के सदस्य हेम ढोलकिया ने अंजाम दिया है. इसमें कहा गया है कि भारत के शहरी इलाकों में गर्मी से संबंधित मौत के मामलों में दोगुनी अथवा इससे अधिक की बढोतरी का अनुमान है. यह अध्ययन 52 शहरी केंद्रों से एकत्र किये गये डाटा पर आधारित है. तथा जो एक चिंता का विषय है.

इसके अनुसार इक्कीसवीं सदी के आखिर में भयंकर गर्मी से मौत का आंकड़ा 71 से लेकर करीब डबल 140 फीसदी तक की बढ़ोतरी का अनुमान है तथा यह अध्यन ठंड से होने वाली मौतों की संख्या को भी पीछे छोड़ देगा. तथा भारत के बढ़े शहरों में शुमार दिल्ली,अहमदाबाद मुंबई बेंगलुरु व कोलकाता जैसे शहरी क्षेत्रो में 2080 तक  गर्मी से मरने वालो की संख्या में अत्यधिक बढ़ोतरी होगी. जो एक चिंता का विषय है.

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