महान आचार्य चाणक्य की मौत है रहस्य, 2300 साल से कोई नहीं जान पाया सचाई
महान आचार्य चाणक्य की मौत है रहस्य, 2300 साल से कोई नहीं जान पाया सचाई
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प्राचीन भारत में ऐसे-ऐसे महान व्यक्ति पैदा हुए हैं, जो आज भी याद किए जाते हैं. ऐसे ही एक थे महान आचार्य चाणक्य, जो 'कौटिल्य' के नाम से भी विख्यात हैं. आज हम आपको इनसे जुड़ी हुई रोचक बातें बताने जा रहे है.    वह तक्षशिला विश्वविद्यालय के आचार्य थे. उन्होंने कई ग्रंथों की रचना की हुई है, जिनमें 'अर्थशास्त्र' सबसे प्रमुख है. अर्थशास्त्र को मौर्यकालीन भारतीय समाज का दर्पण माना जाता है. इसके अलावा भी उन्होंने कई ऐसे काम किए हैं, जिनकी बदौलत उन्हें हमेशा से याद किया जाता है और शायद आगे भी याद किया जाता रहेगा. ये भी माना जाता है कि आचार्य चाणक्य का जन्म ईसा पूर्व 375 में हुआ था जबकि मृत्यु ईसा पूर्व 283 में हुई थी, लेकिन उनकी मौत कैसे हुई थी, यह आज भी एक रहस्य ही बनी हुई है.  

बता दें की चौथी शताब्दी में रचित संस्कृत के एतिहासिक नाटक मुद्राराक्षस के मुताबिक चाणक्य का असली नाम विष्णुगुप्त था. माना जाता है कि यह नाम उन्होंने खुद रखा था और इसके पीछे एक कहानी प्रचलित है. कहते हैं कि मगध के राजा धनानंद द्वारा राजद्रोह के अपराध में चाणक्य के पिता चणक की हत्या करवा देने के बाद उन्होंने उनके सैनिकों से बचने के लिए अपना नाम बदलकर विष्णुगुप्त रख लिया था. हालांकि बाद में चाणक्य ने अपने पिता की हत्या का बदला भी लिया और नंद वंश के राजा धनानंद को सत्ता से बेदखल कर उसकी जगह पर चंद्रगुप्त को मगथ का सम्राट बनाया. कौटिल्य यानी चाणक्य द्वारा नंद वंश का विनाश और मौर्य वंश की स्थापना से संबंधित कथा विष्णु पुराण में आती है.  

हालांकि, वैसे तो का चाणक्य का नाम, जन्मतिथि, जन्मस्थान और उनकी मृत्यु चारों ही विवाद के विषय रहे हैं, लेकिन सबसे ज्यादा विवाद उनकी मृत्यु को लेकर हुआ है. उनकी मृत्यु के संदर्भ में कई कहानियां प्रचलित हैं, लेकिन कौन सी कहानी सच है, यह कोई नहीं जानता है. पहली कहानी तो ये है कि एक दिन चाणक्य अपने रथ पर सवार होकर मगध से दूर किसी जंगल में चले गए और उसके बाद वो कभी लौटे ही नहीं. चाणक्य की मृत्यु के संबंध एक कहानी जो सबसे ज्यादा प्रचलित है, वो ये है कि उन्हें मगथ की ही रानी हेलेना ने जहर देकर मार दिया था. एक और कहानी ये है कि राजा बिंदुसार के मंत्री सुबंधु ने आचार्य को जिंदा ही जला दिया था, जिससे उनकी मौत हो गई थी. हालांकि इनमें से कौन सी कहानी सच है, यह अब तक साफ नहीं हो पाया है.  

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