कोलकाता। पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में सेवानिवृत्त चिकित्सक अपनी बहन का अंतिम संस्कार तक नहीं कर पाया। दरअसल, इस चिकित्सक की आर्थिक हालत बेहद खराब है। बहन की मृत्यु हो जाने के बाद, करीब 48 घंटे तक भी वह उसके अंतिम संस्कार के लिए इंतजार करना रहा। मगर रूपयों का प्रबंध नहीं हुआ। ऐसे में महिला का शव घर में ही रखा गया। जब शव की दुर्गंध क्षेत्र में फैलने लगी तो आसपास के लोगों ने पुलिस को जानकारी दी। इसके बाद पुलिस ने शव को बरामद किया। अब इस मामले में, औपचारिक जांच की जा रही है।
मिली जानकारी के अनुसार, कोलकाता के उलुबेरिया मोहल्ले के निवासी डाॅ. नीलमणि धारा की बहन का स्वास्थ्य खराब हो गया था। उन्हें सांस लेने में मुश्किल हो रही थी। ऐसे में 22 दिसंबर को उन्हें चिकित्सालय में भर्ती करवाया गया था। जब चिकित्सकों ने उनकी जांच की तो जानकारी सामने आई कि, कुपोषण के चलते उन्हें मुश्किलें हो रही हैं। महिला बेहोश भी हो गई थी। इसके बाद उपचार के दौरान, 24 दिसंबर को महिला की मौत हो गई।
डाॅ.नीलमणि से उनकी बहन के कराबी की मौत हो जाने की बात कहकर चिकित्सकों ने शव को ले जाने के लिए कहा, और एंबुलेंस का प्रबंध करने की बात कही मगर, डाॅ. नीलमणि ने इसके लिए रूपए न होने की बात कही। हालांकि चिकित्सालय में नीलमणि की बहन का शव एक दिन तक रखा गया मगर, अगले दिन कोई भी अधिकारी शव लेने नहीं पहुंचा। इसके बाद, चिकित्सालय के कर्मचारियों ने चिकित्सक के घर शव पहुंचाया।
शव घर में रखा रहा मगर, जब शव की दुर्गंध क्षेत्र में फैली तो पुलिस अधिकारियों,सतमुखी श्मशान घाट पर उनका अंतिम संस्कार किया। गौरतलब है कि, डाॅ. नीलमणि की सेवानिवृत्ति के समय उन्हें एक प्रकरण का सामना करना पड़ा था और फिर, उन्हें रूपए देने से इन्कार कर दिया गया था। बताया जा रहा है कि, डाॅ. नीलमणि की मानसिक हालत ठीक नहीं है। इस मामले में पुलिस ने मीडिया से कहा है कि वह डाॅ. नीलमणि से चर्चा करेगी।बताया जा रहा है कि, डाॅक्टर नीलमणि स्वयं ही बीते दो दिनों से, पीनी पीकर अपना जीवन गुजार रहे थे।
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