डीडीसीए मामले में मेरे खिलाफ करें मुकदमा : कीर्ति आजाद
डीडीसीए मामले में मेरे खिलाफ करें मुकदमा : कीर्ति आजाद
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नई दिल्ली : पूर्व भारतीय क्रिकेट खिलाड़ी और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद कीर्ति आजाद ने केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली के दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ मानहानि का मुकदमा करने पर हैरानी जताई और कहा कि दिल्ली एवं जिला क्रिकेट संघ (डीडीसीए) में भ्रष्टाचार का मुद्दा तो मैं पिछले कई वर्षो से उठा रहा हूं। जेटली ने सोमवार को दिल्ली उच्च न्यायालय में केजरीवाल के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया है और क्षतिपूर्ति के तौर पर 10 करोड़ रुपये की मांग की है। आजाद ने कहा, डीडीसीए में भ्रष्टाचार का मुद्दा तो मैं ही लंबे समय से उठाता रहा हूं। यह मेरे द्वारा उठाया गया मुद्दा था, जिस पर आम आदमी पार्टी (आप) और कांग्रेस ने कब्जा कर लिया। वास्तव में उन्होंने मेरी चिट्ठियों के आधार पर ही इस मुद्दे को उठाया। आजाद ने कहा, इसलिए मानहानि का मुकदमा तो मेरे खिलाफ किया जाना चाहिए। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि मेरे खिलाफ मानहानि का मुकदमा नहीं किया गया।

आजाद ने एक दिन पहले ही रविवार को एक संवाददाता सम्मेलन कर डीडीसीए में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए और सबूत भी पेश किए। जेटली 13 वर्षो तक डीडीसीए के अध्यक्ष रह चुके हैं। रविवार को आजाद द्वारा डीडीसीए में भ्रष्टाचार के आरोपों का ब्योरेवार खुलासा किए जाने के कुछ ही देर बाद दिल्ली में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी ने दोबारा जेटली को वित्त मंत्री के पद से हटाए जाने की मांग उठा दी और केजरीवाल सरकार ने डीडीसीए प्रकरण की जांच के लिए एक आयोग गठित करने की घोषणा भी की। आजाद से जब पूछा गया कि भाजपा के अपने साथी नेता के खिलाफ बोलने पर क्या उन्हें अपने खिलाफ किसी तरह की कार्रवाई का भय है तो आजाद ने कहा कि उनकी लड़ाई भ्रष्टाचार के खिलाफ है किसी व्यक्ति या पार्टी के खिलाफ नहीं। आजाद ने कहा, मैंने आखिर गलत क्या किया है? मैं भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ रहा हूं और मेरी लड़ाई किसी व्यक्ति विशेष या पार्टी के खिलाफ नहीं है। उन्होंने आगे कहा, क्या मैंने अपनी पार्टी के खिलाफ या किसी व्यक्ति के खिलाफ एक भी शब्द कहा? मैंने कभी भी सरकार की नीतियों का विरोध नहीं किया।

वास्तव में मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रास्ते पर ही चल रहा हूं, जो भ्रष्टाचार के खिलाफ हैं। मोदी सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ शून्य सहिष्णुता (जीरो टालरेंस) के मंत्र पर काम कर रही है। आजाद ने कहा, जब भी कोई मामला सीबीआई को सौंपा जाता है, तो विपक्षी पार्टियां हो-हल्ला मचाने लगती हैं। इसलिए यदि इस मामले को भी सीबीआई को सौंपा जाता है तो वे जांच रिपोर्ट पर उंगली उठाने लगेंगे। इसीलिए मैंने उच्च न्यायालय की निगरानी में विशेष जांच दल से इस मामले की जांच करवाए जाने की मांग की है। आजाद ने डीडीसीए में हुए भ्रष्टाचार के मामले को उसके अंजाम तक पहुंचाने का संकल्प भी लिया। आजाद ने कहा, मुझे अमित शाह ने समन नहीं भेजा था। मैं उनसे चाय पर चर्चा के लिए मिला था।

निश्चित तौर पर हमने इस दौरान डीडीसीए में हुए भ्रष्टाचारों पर बातचीत की। आजाद ने हालांकि यह भी स्वीकार किया कि अमित शाह ने उन्हें इस मसले पर कोई संवाददाता सम्मेलन करने से मना किया था। आजाद ने बताया कि संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) की पूर्ववर्ती केंद्र सरकार द्वारा डीडीसीए प्रकरण की गंभीर धोखाधड़ी जांच कार्यालय (एसएफआईओ) से करवाई गई जांच एक गैर-आपराधिक जांच थी। उन्होंने कहा कि सीबीआई फिरोजशाह कोटला स्टेडियम में इलीट बॉक्स के टिकटों को कम कीमत पर बेचकर की गई कर चोरी के मामले की जांच कर रही है।

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