मुंबई : मुंबई में हुए 26/11 के आतंकी हमले को लेकर अहम गवाह बने डेविड हैडली इन दिनों अमेरिका की जेल से वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मुंबई की विशेष अदालत में गवाही दे रहा है। डेविड हैडली ने इस बात का खुलासा किया है कि मुंबई हमले के बाद उसने पुणे और राजस्थान के पुष्कर जाकर आर्मी इंस्टाॅलेशन की रेकी भी की थी। हैडली ने इसके वीडियो बनाने की बात भी कही थी। इसके अलावा हेडली ने कहा कि ईमेल में आतंकी मास्टरमाइंड जकी-उर-रहमान लखवी को अंकल, हाफिज सईद को बड़े अंकल कहते थे। इसी तरह जेल को अस्पताल और पुलिस को डॉक्टर कहते थे।
डेविड हेडली ने एक दिन पूर्व इस बात का खुलासा भी किया था कि मुंबई हमले के बाद उसने अलकायदा के लिए कार्य किया था। हेडली ने कहा कि आतंकी भारतीय मोबाईल फोन का उपयोग कर रहे थे। हेडली ने एक दिन पूर्व यह बात स्वीकार की थी कि आतंकियों को सभी निर्देश कराची से मिल रहे थे। आतंकी भारतीय मोबाईल फोन का उपयोग कर रहे थे। साजिद मीर ने भारतीय फोन देते हुए यह कहा कि वाघा बाॅर्डर तक जाकर देखो यह फोन वहां पर काम करता है या नहीं करता है।
साजिद मीर व लश्कर के अन्य आतंकियों को जब यह बात पता चली कि उनका एक आतंकी पकड़ा गया है तो इन आतंकियों को अच्छा नहीं लगा। डेविड हैडली ने बताया कि बाद में अलकायदा ने दिल्ली स्थित नेशनल डिफेंस काॅलेज को अपने निशाने पर लिया था। डेविड हैडली एक अमेरिकी नागरिक है लेकिन वह पाकिस्तान मूल का है उसने आतंकी संगठन के लिए कार्य किया और मुंबई में हुए 26/11 हमले के लिए आतंकियों की महत्वपूर्ण मदद की। वह हाफिज को अंकल कहा करता था। उसका वास्तविक नाम दाऊद गिलानी था।