साइक्लोन ओखी तूफान ने तमिलनाडु और केरल में तबाही मचाने के बाद दक्षिणी गुजरात की और रुख किया है. जिसके चलते हाई अलर्ट जारी किया जा गया है. मछुआरों को समुद्र में न जाने की हिदायत जारी की गई है. मौसम विभाग ने दक्षिणी गुजरात और उत्तरी महाराष्ट्र को आगाह किया है .साइक्लोन सेंटर के मुताबिक इस तूफान में 130 -150 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ़्तार से हवाएं चल सकती है. तूफान अभी गुजरात के सूरत से 1000 किलोमीटर दुरी पर है. ऐसे में पूरी संभावनाएं है, की हवा का रुख बदलने पर गुजरात में तूफान भारी तबाही मचा सकता है.
इसे अति भीषण समुद्री चक्रवात की कैटगरी में रखा गया है. इसी के साथ तमिलनाडु में भी इस का खतरा है. हालत के जायजा लेने के लिए रक्षा मंत्री सीतारमण तमिलनाडु पहुंची. 4 दिसम्बर तक तूफान के हलके होने की उम्मीद भी है, मगर जब तक सभी को समुदी इलाको से दूर रहने के लिए कहा गया है. सीतारमण ने हालत का जायजा लेते हुए कहा है की बचाए गए 357 मछुआरों में 71 तमिलनाडु के भी है.
कन्याकुमारी में दौरे के साथ उन्होंने सभी को हालात ठीक कर लिए जाने की बात कही. सेना और सुरक्षा बलों ने अभी तक केरल के तटवर्ती इलाको में भी 250 से अधिक मछुआरों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया है. मगर अब खतरा गुजरात की और बढ़ रहा है.
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