इस यूनिवर्सिटी में अब होगी साइबर सिक्योरिटी की पढ़ाई
इस यूनिवर्सिटी में अब होगी साइबर सिक्योरिटी की पढ़ाई
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जामताड़ा: झारखंड का जामताड़ा साइबर क्राइम तथा साइबर फ्रॉड के लिए देश भर में खबरों का केंद्र रहा है। इंटरनेट के माध्यम वहां से लोगों को ठगने तथा उनके अकाउंट से रूपये चुटकियों में उड़ा दिए जाने की अनगिनत घटना हुई हैं। तकरीबन हर प्रदेश की पुलिस ने जामताड़ा में तहकीकात किसी ने किसी मामले को लेकर की है। लिहाजा साइबर सिक्योरिटी की पढ़ाई अब रांची यूनिवर्सिटी में आरम्भ की गई है। उसके पाठ्यक्रम के लॉन्चिंग के लिए पहुंचे राज्यपाल रमेश बैस ने कहा कि वे साइबर फ्रॉड से इतना डरते हैं कि केवल सेल फोन का उपयोग इनकमिंग और आउटगोइंग कॉल करने के लिए ही करते हैं।  

इस के चलते राज्यपाल ने कहा कि इंटरनेट के माध्यम से कई प्रकार के हथकंडे अपनाकर साइबर फ्रॉड हो रहा है। इस पर लगाम लगाने के लिए व्यापक स्तर पर साइबर एक्सपर्ट की आवश्यकता है। लोगों को भी सावधान रहने की आवश्यकता है। KYC अपडेट या फिर और किसी चीज के लिए स्पैम कॉल को उन्हें आइडेंटिफाई करना पड़ता है। ऑनलाइन धोखाधड़ी ब्लैकमेलिंग एवं हैकिंग जैसी दिक्कतें आम हो गई हैं।

उन्होंने कहा कि लोगों के खाते से केवाईसी अपडेट करने, अकाउंट ब्लॉक करने की बात कहकर साइबर अपराधी रूपये उड़ा ले रहे हैं। साइबर अपराधी कई प्रकार के हथकंडे अपना रहे हैं। इनाम जीतने से संबंधित लिंक भेजकर आम लोगों को अपने जाल में फंसाते हैं। आजकल ऑनलाइन शॉपिंग करते वक़्त ई-पेमेंट के समय भी सतर्क रहने की आवश्यकता है। बेकार के लिंक के लालच में पड़ने की आवश्यकता नहीं है। राज्यपाल ने कहा कि नया पाठ्यक्रम रोजगार का बेहतर अवसर प्रदान करने में सक्षम हो सकेगा तथा रोजगार के नए आयाम खोलेगा। साथ ही साइबर क्राइम जैसे वैश्विक चुनौती पर नियंत्रण करने में सहायता करेगा। सेल फोन यूजर को जागरूक करने में भी पाठ्यक्रम महत्वपूर्ण योगदान देगा। साइबर सुरक्षा का पहला उद्देश्य आम नागरिक को इंटरनेट पर सुरक्षा प्रदान करना है। इंटरनेट जितना जीवन को सरल बनाता है, उतना ही नुकसान भी पहुंचा सकता है। उन्होंने कहा कि साइबर सुरक्षा पाठ्यक्रम में इन बिंदुओं पर गहन शोध की आवश्यकता है। उच्च स्तरीय वैज्ञानिक शोध के जरिए साइबर क्राइम जैसे चुनौतियों का सामना किया जा सकता है। आजादी के अमृत महोत्सव पर साइबर क्राइम में संलिप्त व्यक्तियों की मानसिक क्षमता का मानव हित में सदुपयोग करने का प्रयास होना चाहिये। झारखंड में ये कोर्स बेहद आवश्यक है। जामताड़ा में यदि अपराध हो सकता है तो रांची में बैठकर विशेषज्ञ उसे रोक भी सकते हैं। 

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