दिवाली खुशियों का पर्व है। पुरे देश में इसे बड़ी ही धूमधाम से मनाया जाता है। घर को सजाया जाता है। नयी नयी चीज़े खरीदते हैं,नए कपडे खरीदते हैं और सबसे खास बात ,इस दिन सब पटाखे तो ज़रूर फोड़ते हैं। उसी दिन नही बल्कि कुछ दिनों पहले से और कुछ दिन बाद तक ये त्यौहार मनाया जाता है।
मनाये भी क्यों ना परंपरा चली आयी है जबसे भगवान राम अयोध्या लौटे हैं उनके लौटने की ख़ुशी आज तक मनाई जा रही है। लोग लाखों लाखों रूपए खर्च कर के पटाखे खरीदते हैं और उन्हें फोड़ते हैं। पैसो की चिंता किये बिना ही हम इस त्यौहार को मनाते हैं।
तो क्या आपको लगता है आप सच में ये पटाखे फोड़ कर इस त्यौहार को मनाते हैं ? क्या आपको इससे ख़ुशी मिलती है। आप पटाखे तो फोड़ते ही हैं साथ में आप अपने रुपयो की आहुति देते हैं, जिनसे आप किसी की असहाय की मदद कर सकते हैं। क्या सही लगता है आपको ये ?
ख़ुशी इस तरह पटाखे फोड़ कर नही बल्कि किसी ऐसे इंसान की मदद करने पर मिलती है जिसे मदद की ज़रूरत होती है। आज आपको यही बताने आये हैं इस विडियो के ज़रिये कि किस तरह आप अपने पैसों में आगे लगते हैं त्यौहार के नाम पर और प्रदुषण फैलाते हैं। देखिये विडियो को।