ज्ञान विज्ञानं :संस्कृति विश्वविद्यालय को सर्वश्रेष्ठ उभरते विश्वविद्यालय से किया गया सम्मानित
ज्ञान विज्ञानं :संस्कृति विश्वविद्यालय को सर्वश्रेष्ठ उभरते विश्वविद्यालय से किया गया सम्मानित
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संस्कृति विश्वविद्यालय को एन.आई.बी.एम. तथा एशोचैम द्वारा वर्ष के सर्वश्रेष्ठ उभरते विश्वविद्यालय से सम्मानित किया गया है। यह सम्मान रांची, झारखण्ड में 29 अप्रैल, 2016 को शिक्षा सम्मेलन-सह-उत्कृष्टता पुरस्कार के दौरान संस्कृति विश्वविद्यालय को प्रदान किया गया .

यह मान्यता युवा कुलाधिपति श्री सचिन गुप्ता के नेतृत्व में पूरे संस्कृति समूह के कठिन परिश्रम का परिणाम है जिस पर सभी सदस्य गौरवांन्वित हैं.

भारत में उच्च शिक्षा के सुधार के लिए पिछले दशक में कई निजी विश्वविद्यालयों की स्थापना हुई, जिनका उद्देश्य उच्च शिक्षा के क्षितिज का विस्तार करने के अवसर प्रदान करना तथा देश भर में छात्रों की बड़ी संख्या को उच्च शिक्षा के अवसर प्रदान करना रहा है। यह विश्वविद्यालय शिक्षाविद्ों एवं प्रोपकारियों के द्वारा स्थापित किये गये हैं। इन विश्वविद्यालयों में सामान्यतः अच्छी प्रगति हुई है इन विश्वविद्यालयों में संस्कृति विश्वविद्यालय सबसे अच्छे रूप में स्वीकार किया गया है जो पूरी संस्कृति समूह के लिए बहुत गर्व की बात है.

एशोचैम एक प्रतिष्ठित संस्थान है जिनका उद्देश्य उच्च शिक्षा के क्षेत्र में विस्तार एवं छात्रों को रोजगार के अवसर प्रदान करने के लिए नये उभरते विश्वविद्यालयों के शिक्षण-अधिगम प्रक्रिया,संकाय सदस्यों कीक्रेडेंशियल, अनुसंधान एवं विकास, नवपरिवर्तन, छात्रों की गुणवत्ता तथा छात्रों के रोजगार के अवसर आदि के जाँच एवं निष्पादन के आधार पर नये विश्वविद्यालयों का प्रदर्शन निश्चित करना है.

संस्कृति विश्वविद्यालय कुलाधिपति श्री सचिन गुप्ता इस सम्मान से अत्यधिक प्रसन्न हैं। उन्होंने कहा कि मजबूत दावेदारों के बीच यह सम्मान प्राप्त करना एक बडे़ सम्मान की बात है जिसके लिए उन्होंने संकृति विश्वविद्यालय के सभी सदस्यों को बधाई दी। उन्होंने शिक्षण के नये तरिकों के अतिरिक्त निमांकित विषयों पर सराहना की:-
(क एन.पी.टी.ई.एल. (तकनीकी रूप से बढ़ाया सीखने पर राष्ट्रीय कार्यक्रम)आई.आई.टी. और आई.आई.एम. के प्रतिष्ठित प्रोफेसरों द्वारा नियमित समय सारणी के रूप में विभिन्न पाठ्यक्रमों में छात्रों के लिए व्याख्यान की व्यवस्था.

(ख) आभासी प्रयोगशालाओं की स्थापना, ऊम्मायन कोशिकाओं आदि की स्थापना।
(ग) उद्योग-संस्थान इंटरफेस।

कुछ ऐसे कदम हैं जो संस्कृति विश्वविद्यालय मंे छात्रों की ज्ञान वृद्धि तथा उन्हें उद्योगों में रोजगार प्राप्त करने के लिए महत्तवपूर्ण जानकारी प्राप्त कराते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि संस्कृति विश्वविद्यालय के उच्च शिक्षा के हर क्षेत्र में उत्कृष्टता प्रदान करने के लिए सह पाठयक्रम और पाठ्योत्तर गतिविधियों में छात्रों को अवसर प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। संस्कृति विश्वविद्यालय उपकुलपति श्री राजेश गुप्ता इस पुरस्कार पाने से अत्यधिक प्रसन्न हैं, उन्होंने कहा कि उन्हें विश्वास है कि संस्कृति विश्वविद्यालय उच्च शिक्षा के सभी पहलुओं में समूह के सर्वांगीण प्रयासों के साथ कई और अधिक ख्याति प्राप्त करेगा

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