नई दिल्ली : कुछ दिनों पहले पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल कलाम को मुस्लिम होते हुए भी राष्ट्रवादी बताने वाले कल्चर मिनिस्टर महेश शर्मा का फिर एक विवादित बयान सामने आया है. शर्मा का कहना है कि लड़कियों का रात में घर से निकलना हमारे कल्चर में नहीं है. एक इंटरव्यू के दौरान शर्मा ने कहा कि “किसी अन्य देश में अगर लड़कियां रात में घर से बाहर जाना चाहती हैं तो वहां ऐसा हो सकता है लेकिन भारत में इसे मंजूर नहीं किया जा सकता. क्योंकि यह हमारी संस्कृति में नहीं है.”
RSS से अपने रिश्तों पर पूछे जाने पर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि “क्या कोई ऐसा काम बताया जा सकता है जो संघ ने देश के खिलाफ किया हो. अगर नहीं, तो फिर क्यों हर बार संघ की आलोचना की जाती है. अगर संघ के साथ राष्ट्रीय नीति पर बात होती है तो उसमें गलत क्या है.”
महाराष्ट्र में मीट बैन के बारे में पूछे जाने पर शर्मा ने कहा कि “अगर हम किसी दूसरे समुदाय की भावनाओं की कद्र करते हैं तो कुछ दिनों के लिए मीट बैन कर देने में क्या गलत है. क्या हम नवरात्रि में ऐसा करते हैं और यह सिर्फ 2 दिन के लिए ही तो किया गया है.”
इस दौरान केंद्रीय मंत्री शर्मा ने गीता, रामायण और महाभारत की कहानियों को स्कूल के सिलेबस में शामिल किए जाने की वकालत करते हुए कहा कि हमारी संस्कृति का इस तरह पश्चिमीकरण हुआ है कि अगर हम इसके बारे में बात करते हैं तो कथित बुद्धिजीवी इसे भगवाकरण का नाम देते हैं. इससे मुझे तकलीफ होती है. हमारे देश की ताकत हमारी संस्कृति और विरासत ही है. जब पश्चिमी संस्कृति का इसमें दखल होता है तो मुझे तकलीफ होती है.