यूपी के लखनऊ में संस्कृति को बढ़ावा देने और उसकी विशेष जानकारी के लिए सरकार इसके विभिन्न क्षेत्र पर शोध कराएगी। इसके जरिए यूपी के कला, इतिहास और सांस्कृतिक पक्ष के विभिन्न पहलुओं को सामने लाने का उद्देश्य रखा गया है। शोध के लिए यूपी कल्चर रिसर्च फंड बनाए जाने का प्रस्ताव है। सीएम योगी आदित्यनाथ के सामने पिछले महीने इसकी प्रस्तुति भी हुई थी । कई बिंदुओं पर एक्सपर्ट से सलाह लेकर सीएम ने इसे ओर प्रभावी बनाने के निर्देश दिए थे। सीएम के निर्देशों अनुसार विभाग के अनुरूप नीति को आखिरी रूप देने में जुटा है। यूपी की पहली संस्कृति नीति में इसे प्रमुख पर शामिल किया गया है |
यूपी में पहली बार। म्यूजियम से लेकर ज्ञान कोष तक निति में शामिल है | प्रस्तावित नीति में ब्रैंडिंग व पर्यटन के लिहाज से भी स्थलों की विकसित विशेषताओं को एक छत के नीचे देखा जा सकता है | यह पर्यटकों के लिहाज से अहम भी होगा और एक ही जगह से पूरे यूपी की पहचान को जोड़ने का भी स्रोत बनेगा । संस्कृति विभाग के अधिकारी का कहना है " हम सांस्कृतिक ज्ञान कोष को भी विकसित करने की प्रक्रिया में है, जिससे जो स्थानीय या क्षेत्रीय सांस्कृतिक विशेषताएं हैं इसे आसानी से दूसरों को बताया जा सके।
सूत्रों के अनुसार नीति में मेगा कल्चर प्रॉजेक्ट में निजी क्षेत्र की भागीदारी पर नजर है। उत्तर प्रदेश में पहली बार संस्कृति नीति बनाई जा रही है | खासकर म्यूजियम, डिजिटल ऑर्ट गैलरी, इंटरप्रिटेशन सेंटर जैसे बड़े प्रॉजक्ट निजी क्षेत्र की सहायता से विकसित किए जाएंगे। युवाओं में इसके प्रति जागरूता लाने के लिए और यहां की सांस्कृतिक को पहचान से जोड़ने व उसके प्रति समझ विकसित करने के लिए यूपी कल्चर टैलंट सर्च कंपटीशन' का भी खाका तैयार किया जा रहा है।
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