श्रीनगर: पुलवामा में हुए आतंकी हमले में शहीद हुए 44 से अधिक जवानों की जाति को लेकर एक पत्रिका में छपी रिपोर्ट पर सीआरपीएफ ने कड़ी नाराजगी व्यक्त की है। विश्व के सबसे बड़े अर्द्धसैन्य बल ने अपने मुख्य प्रवक्ता के टि्वटर हैंडल के माध्यम से कहा है, "CRPF में हमारी पहचान एक भारतीय के रूप में है, जाति-धर्म कोई मायने नहीं रखता।"
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मुख्य प्रवक्ता और उप महानिरीक्षक (डीआईजी) एम। दिनाकरण ने ट्वीट करते हुए लिखा कि, "CRPF में हमारी पहचान भारतीय के रूप में है, जाति, रंग और धर्म का यह दयनीय विभाजन हमारे खून में मौजूद नहीं है।" उन्होंने खबर को भी टैग करते हुए लिखा है कि ''आप को सभी शहीदों का अपमान करने से सख्ती से बचना चाहिए। वे आपके निरर्थक लेख लिखने के लिए कोई आँकड़े नहीं हैं।'' उल्लेखनीय है कि सीआरपीएफ ने पुलवामा में हुए आतंकी हमले के बाद अपने ट्विटर हैंडल से ट्वीट करते हुए लिखा था कि वो जम्मू-कश्मीर में हुए फिदायीन आतंकी हमले में शहीद हुए अपने 44 जवानों की शहादत को न तो भूलेगा और न ही दोषियों को माफ करेगा बल्कि इसका बदला लेगा।
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दिनाकरण के ट्वीट पर प्रतिक्रिया देते हुए रिटायर्ड मेजर गौरव आर्या ने लिखा हैं कि, ''हमे गर्व है आप पर दिनाकरन सर। एक ट्वीट ने नीच लिखे लेख को ध्वस्त कर दिया। एक बार एक जब सैनिक वर्दी पहन लेता है, तो वो हर दूसरी पहचान खो देता है। वो केवल भारतीय हैं। और जब वही सैनिक तिरंगे में लिपटा हुआ वापस लौटता है, तो वह देश का बेटा बन जाता है।'' इससे पहले एक मैगज़ीन ने दावा किया था कि शहीद होने वाले जवानों में 40 नीची जाति से सम्बंधित थे, जिसके जवाब में CRPF ने ये ट्वीट किया है।
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