चीन-पाक आर्थिक सबंध पर बरसा अमेरिका, जाल में न फंसने की दे डाली सलाह
चीन-पाक आर्थिक सबंध पर बरसा अमेरिका, जाल में न फंसने की दे डाली सलाह
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एक बार फिर वरिष्ठ अमेरिकी राजनयिक ऐलिस वेल्स ने 60 अरब डॉलर के चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (सीपीईसी) की आलोचना की और कहा कि इस परियोजना में पारदर्शिता नहीं है तथा इससे पाकिस्तान पर कर्ज का बोझ बढ़ जाएगा. उन्होंने अपनी चार दिवसीय पाकिस्तान यात्रा के दौरान यहां एक कार्यक्रम में कहा कि विश्व बैंक द्वारा प्रतिबंधित कंपनियों को सीपीईसी के ठेके दिए गए हैं. वेल्स दक्षिण एवं मध्य एशिया मामलों की उप विदेश मंत्री हैं.

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मीडिया रिपोर्ट के अनुसार सीपीईसी सड़क, रेलवे और ऊर्जा परियोजनाओं का एक नियोजित नेटवर्क है, जो चीन के संसाधन संपन्न शिनजियांग उइगुर स्वायत्त क्षेत्र को अरब सागर पर पाकिस्तान के रणनीतिक ग्वादर बंदरगाह से जोड़ता है.

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अपने बयान में वेल्स ने पिछले साल नवंबर में पाकिस्तान से कहा था कि वह सीपीईसी पर चीन से कड़े सवाल करे क्योंकि इससे उसकी अर्थव्यवस्था प्रभावित हो सकती है. समाचार पत्र डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक वेल्स ने कहा कि सीपीईसी में पारदर्शिता नहीं है और चीन के वित्तपोषण से पाकिस्तान पर कर्ज बढ़ रहा है. उन्होंने पाकिस्तान से इस परियोजना पर फिर विचार करने के लिए कहा.

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