नई दिल्ली: होली के उपरांत कोविड-19 को देखते हुए 17 मार्च को ताजमहल समेत देश के सभी स्मारकों को बंद किए जा चुके है, तब यह उम्मीद नहीं थी कि स्मारकों की यह बंदी रिकॉर्ड तोड़ने वाली है. आगरा में पहली बार ताजमहल समेत सभी संरक्षित स्मारक इतने लंबे वक़्त से बंद पड़े है. ऐसे में पर्यटन उद्योग से जुड़े 4 लाख लोगों को रोजी-रोटी भी संकट में पड़ते जा रहे है. एक सितंबर से सिकंदरा और अन्य छोटे स्मारकों को खोलने कि घोषणा की गई, लेकिन ताजमहल और आगरा किला को खोले जाने की फिलहाल कोई उम्मीद नहीं बची है.
ताजमहल खुल जाने पर भी अगले वर्ष अक्टूबर से पहले पर्यटन उद्योग के पटरी पर लौटने के आसार नहीं देख रहे है. पर्यटन उद्योग के लिए 158 दिन बुरे सपने की तरह बीते हैं. होटल, गेस्ट हाउस, रेस्टोरेंट, एंपोरियम, गाइड, फोटोग्राफर, टूर ऑपरेटर, स्मारकों के आसपास संचालित किया जाने वाला है, दुकानें बंद होने से सैलानियों के भरोसे पलने वाले परिवार रोजी-रोटी के संकट से लड़ रहे है.
इनके लिए हो रही मुश्किल
- 550 होटल, 150 से अधिक गेस्ट हाउस, 150 रेस्टोरेंट बंद हैं.
- छोटे-बड़े 500 के करीब हैंडीक्राफ्ट एंपोरियम, शोरूम व दुकानें बंद हैं.
- 1750 गाइड, ट्रेवल ऑपरेटर व टूर ऑपरेटर खाली बैठे हैं.
- 3000 हॉकर, 6000 दुकानदार स्मारकों पर निर्भर थे.
- ऑटो रिक्शा, टैक्सी, तांगा, ई-रिक्शा चालकों, गोल्फ कार्ट चालकों पर काम नहीं.
- 40 हजार से ज्यादा हैंडीक्राफ्ट कारीगर खाली बैठे हैं.
इस साल के अंत तक आ जाएगा कोरोना का टीका, डॉ हर्षवर्धन ने जताई उम्मीद
कर्नाटक सीएम के आश्वासन के बाद सरकारी डॉक्टरों ने ली हड़ताल वापस
यूपी में बढ़ते जुर्म पर बोलीं मायावती- 'क्या यही है सरकार का रामराज्य ?'