भुवनेश्वर : यहां एक युवक का दाह संस्कार गांव के श्मशान में इसलिये नहीं करने दिया क्योंकि उसकी मौत एड्स के कारण हुई थी। जब मृतक के परिजनों को श्मशान नहीं मिला तो मजबूरीवश परिजनों ने घर के सामने ही चिता को आग दे दी। मामला ओडिशा के तैतेई गांव का बताया गया है।
जानकारी मिली है कि गांव में रहने वाले एक दलित युवक की मौत अस्पताल में एड्स बीमारी के कारण हो गई थी। मौत होने के बाद परिजन शव को घर लाये और फिर चिता सजाकर जैसे ही गांव के श्मशान ले गये, ग्रामीणों ने चिता जलाने का विरोध करना शुरू कर दिया। मामले की सूचना मिलते ही पुलिस व प्रशासनिक अधिकारी भी गांव पहुंचे थे और उन्होंने ग्रामीणों को समझाने का प्रयास किया, लेकिन इसके बाद भी ग्रामीणों ने एक न सुनी तो आखिरकार परिजनों ने युवक का दाह संस्कार अपने घर के आगे ही कर दिया।
बताया गया है कि ग्रामीण यह नहीं चाहते थे कि एड्स से मृत युवक का शव श्मशान में जलाया जाये। कुल मिलाकर एड्स पीड़ित व्यक्ति के साथ यह मामला भेदभाव के रूप में सामने आया है। बताया गया है कि युवक मुंबई में रहकर मजदूरी किया करता था लेकिन एचआईवी से ग्रसित होने के बाद वह घर आ गया था।
छह करोड़ साल पुरानी है एड्स की बीमारी