Oct 26 2016 07:11 PM
धनतेरस के पहले श्रद्धालुओं के लिए एक दुर्लभ अवसर आ रहा है। दरअसल 26 अक्टूबर को श्रद्धालुओं के लिए प्रदोष काल में गाय और बछड़े के पूजन का योग बन रहा है। ज्योतिषीय मान्यताओं की बात करें तो इस दिन भारत के कुछ स्थानों पर गोवत्स द्वादशी का पर्व मनाया जाएगा। इस पूजन की अवधि 2 घंटे 35 मिनट रहेगी। दृक पंचांग के अनुसार यह पर्व बछड़े और गाय के पूजन का पर्व है। इस दिन महिलाऐं और अन्य श्रद्धालु व्रत रखकर गाय और बछड़े का पूजन करती हैं।
इसी के बाद घर के लोग गेहूं और दूध उत्पादों का सेवन करते हैं। यह पर्व महाराष्ट्र में अधिकांशतौर पर मनाया जाता है। वैसे मध्यप्रदेश समेत अन्य क्षेत्रों में गाय बैलों का पूजन गोवर्धन पूजन के दिन किया जाता है। जो कि दीपावली के बाद का पर्व आता है।
इस दिन ग्रामीणों द्वारा विशेष पूजन भी किया जाता है लेकिन गोवत्स द्वादशी पर भी श्रद्धालु गाय और बछड़े का पूजन करते हैं। प्रदोष काल में व्रत कर पूजन करने का इस बार दुर्लभ योग है।
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