कोरोनावायरस ने पूरी दुनिया को अपनी चपेट में ले लिया है. इस वायरस से निपटने के लिए उम्मीद की नजरे उन लोगों की ओर देख रही है जो इसकी दवा और टीके को खोजने में जुटे हैं. दुनिया के तमाम देशों के वैज्ञानिक कोरोना वायरस से निपटने के लिए इसके टीके और दवा को विकसित करने में जुटे हैं. विभिन्न देशों की कोशिशें कहां तक पहुंची हैं, क्या है प्रक्रिया और किन दवाओं के संयोजन से वे आगे बढ़ रहे हैं. आइए जानते है
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महीनों का लगने वाला है समय
वायरस तो काफी तेजी से फैल रहा है, लेकिन कोरोना वायरस का टीका ईजाद होने में अभी कई महीने लगेंगे. एक इंटरव्यू में विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की मुख्य वैज्ञानिक डॉ. सौम्या स्वामीनाथन ने कहा कि यदि सभी ने अच्छा काम किया तो हम संभवत: अगले 12-18 महीने में इसका टीका विकसित कर लेंगे लेकिन इसके बाद पर्याप्त दवाओं की उपलब्धता का सवाल होगा. इसके लिए संभवत: 18-24 महीने लगेंगे.
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टीके की खोज में अभी का हाल
अमेरिका सिएटल में पहले चरण का क्लिनिकल परीक्षण शुरू हो गया है. नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एलर्जी एंड इंफेक्शियस डिजीज द्वारा यह वित्त पोषित है. यह खुला परीक्षण 18 से 55 साल की आयु के स्वस्थ वयस्क स्वयंसेवकों पर छह सप्ताह में किया जाएगा.
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आपकी जानकारी के लिए बता दे कि चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी से संबद्ध सैन्य चिकित्सा विज्ञान अकादमी के शोधकर्ताओं ने टीके के परीक्षण की अनुमति मिली है. यह मार्च से दिसंबर के मध्य 108 लोगों की भर्ती करेगा.
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