कोर्ट ने 13 वर्ष की प्रेग्नेंट रेप पीड़िता को दी अबाॅर्शन की अनुमति
कोर्ट ने 13 वर्ष की प्रेग्नेंट रेप पीड़िता को दी अबाॅर्शन की अनुमति
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लखनऊ : लखनऊ उच्च न्यायालय ने हाल ही में एक अहम फैसला दिया है। यूं तो भारत में भ्रूण हत्या या अबाॅर्शन पर प्रतिबंध है। मगर न्यायालय ने ही अपने एक फैसले में इसकी इजाजद दे दी है। दरअसल जिसे लेकर यह इजाजत दी गई है वह रेप पीडि़ता है और इस किशोरी की उम्र महज तेहर वर्ष है। मिली जानकारी के अनुसार चिकित्सको से न्यायालय ने कहा कि यदि लड़की की जान का जोखिम न हो तो अबाॅर्शन किया जा सकता है। दरअसल न्यायालय में पीडि़ता के पिता ने याचिका दायर कर अबाॅर्शन की मांग की थी। 

यह कहा गया कि यदि इसकी अनुमति नहीं मिली तो पीडि़ता को जीवनभर कलंक झेलना पड़ेगा। उल्लेखनीय है कि इस किशोरी के साथ 17 फरवरी 2015 को बलात्कार हुआ था। यह लड़की 5 वीं कक्षा में अध्ययन करती थी और बलात्कार के बाद वह प्रेग्नेंट हो गई थी। 8 जुलाई 2015 को इस बात की जानकारी मिली कि उसे 21 हफ्ते और 2 दिन की प्रेग्नेंसी है। दरअसल 21 हफ्ते से अधिक हो जाने पर अबाॅर्शन करवाने को गैरकानूनी कहा गया है। जिसके संबंध में न्यायालय में याचिका दायर कर अनुमति ली गई। पिटीशन के अनुसार यह भी कहा गया कि बच्चा उसे पूरे जीवन उसके साथ हुए वाकये की याद दिलाता रहेगा। चिकित्सकों द्वारा लड़की का चेकअप किया जाएगा।

इस मामले की सुनवाई करने वाले न्यायमूर्ति शबीहुल हस्नैन और न्यायमूर्ति डीके उपाध्याय की बेंच ने आदेश दिया कि विक्टिम का मेडिकल चेकअप किया जाए और यदि उसके जीवन के लिए घातक न हो तो फिर अबाॅर्शन किया जा सकता है। न्यायालय ने गरीब परिवार की इस लड़की के खर्च को वहन करने का आदेश चिकित्सालय को दिया है। कहा गया कि चिकित्सालय को यह खर्च सरकार द्वारा दिया जाएगा।  

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