आज हो सकता है 7/11 मुंबई धमाके पर फैसला
आज हो सकता है 7/11 मुंबई धमाके पर फैसला
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एक विशेष महाराष्ट्र संगठित अपराध अदालत (मकोका) के मुंबई की उपनगरीय ट्रेनों में सात आरडीएक्स बमों के फटने के नौ साल बाद आज अपना फैसला सुना सकती है. आपको बता दें कि इस घटना में लगभग 188 लोगों की मृत्यु हो गई थी जबकि कई लोग घायल हो चुके थे. विशेष मकोका के न्यायाधीश यतिन डी शिंदे ने पिछले साल 19 अगस्त को मुकदमे की सुनवाई की थी. आठ साल तक चले इस मुकदमे में अभियोजन पक्ष ने 192 गवाहों का परीक्षण किया था. जिसमें लगभग आठ भारतीय पुलिस सेवा और पांच भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों के साथ-साथ 18 चिकित्सक भी शामिल हैं.

बचाव पक्ष के वकीलों ने 51 गवाहों का परीक्षण भी किया गया और एक व्यक्ति को अदालत के गवाह के तौर पर बुलाया. गवाहों की गवाही तकरीबन 5500 पन्नों में चली थी. मुंबई की उपनगरीय ट्रेनों के प्रथम श्रेणी के डिब्बों में 11 जुलाई 2006 को सात आरडीएक्स बम से विस्फोट हुए थे जिसमें 188 लोगों की मौत हो गई थी और 829 लोग भी घायल हो गए थे. ये आरडीएक्स बम विस्फोट खार रोड-सांताक्रूज, बांद्रा-खार रोड, जोगेश्वरी-माहिम जंक्शन, मीरा रोड-भायंदर, माटुंगा-माहिम जंक्शन और बोरीवली के बीच हुए थे.

कमल अहमद अंसारी (37), तनवीर अहमद अंसारी (37), मोहम्मद फैजल शेख (36), एहतेशाम सिद्दकी (30), मोहम्मद माजिद शफी (32), शेख आलम शेख (41), मोहम्मद साजिद अंसारी (34), अब्दुल वाहिद शेख (34), मुजम्मिल शेख (27), सोहैल महमूद शेख (43), जमीर अहमद शेख (36), नवीद हुसैन खान (30), आसिफ खान (38) आरोपी हैं, जिन्हें गिरफ्तार किया गया था. इस मामले में आजम चीमा के साथ 14 अन्य लोग फरार हैं. आपको बता दे की इस मामले में गवाहों की गवाही दो साल बाद हुई थी क्योंकि साल 2008 में उच्चतम न्यायालय ने इस मुकदमे को रोक दिया था. स्थगनादेश देने से पहले अभियोजन ने पहले ही एक पुलिस अधिकारी की गवाही रिकार्ड कर चूका था. 23 अप्रैल 2010 को उच्चतम न्यायालय ने स्थगनादेश को हटाया था.

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