नालंदा : करीब डेढ़ साल गुजरने के बाद चर्चित हिरण्य पर्वत कांड में मंगलवार को फैसला सुनाया गया। जिला एवं सत्र न्यायधीश राजेश कुमार पांडे ने लाला चौरसिया को फांसी की सजा सुनाई तो वहीं शंकर मिस्त्री को उम्रकैद का फरमान सुनाया। साथ ही दोनों पर 10-10 हजार का जुर्माना भी लगाया गया। बता दें कि डेढ़ साल पहले पॉलीटेक्निक की प्रवेश परीक्षा देने पूर्णिया से दो छात्र आए थे।
दोनों छात्रों की पहाड़ से फेंककर हत्या कर दी गई। घटना में तीसरा छात्र समरजीत बुरी तरह घायल हो गया। अदालत ने इसे रेयरेस्ट ऑफ रेयर की श्रेणी का अपराध माना। मामले की सुनवाई स्पीडी ट्रायल के तहत कराई गई। लेकिन अन्य दो आरोपी अब भी पुलिस की पहुंच से दूर है।
पीपी मंजर हसन खां व एपीपी महेश सिंह यादव ने बताया कि 31 मई 2014 को पूर्णिया जिले के बनमंखी थाना क्षेत्र निवासी चार छात्र पॉलिटेक्निक प्रवेश परीक्षा देने बिहारशरीफ आए थे। शाम को चारों हिरण्य पर्वत घूमने गये थे। इस दौरान चार अपराधियों ने छात्रों के साथ लूटपाट की और छात्र राहुल व प्रेम को पहाड़ से नीचे फेंक दिया।
तीसरे छात्र समरजीत ने लाला को पकड़ लिया। इसके कारण अपराधी लाला भी पहाड़ से नीचे गिर गया। जबकि चौथा छात्र राहुल भागने में सफल रहा था। घटना के बाद लाला ने पूछताछ के बाद तीन अन्य साथियों का नाम बताया, जिसमें उम्रकैद की सजा पाये चामो ने आत्समर्पण किया था।