मुंबई: 2006 में हुए मालेगांव बम धमाके में कोर्ट ने सभी 8 आरोपियों को बरी कर दिया है। इस मामले में चार आरोपी अब तक फरार है औऱ एक आरोपी शब्बीर अहमद की पहले ही मौत हो चुकी है। एनआईए के डीजी ने इस फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि कानून अपना काम करेगा।
2006 में मालेगांव में शबे-बारात के दिन एक मस्जिद में बम धमाका हुआ था। इसमें 37 लोगों की मौत हुई थी व सैकड़ों लोग घायल हुए थे। इश बम धमाके के बाद एटीएस ने राज्यभर से कुल 13 आरोपियों को हिरासत में लिया था। बाद में इस मामले को राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी को सौंप दिया गया।
जांच के दौरान एनआईए ने पाया कि मालेगांव बम धमाके में गिरफ्तार किए गए लोगों का हाथ नहीं है बल्कि एक हिंदू संगठन का हाथ है। इसके बाद कोर्ट ने 9 आरोपियों को जमानत दे दिया। इन 9 आरोपियों ने कोर्ट में याचिका दी थी कि उन्हें एटीएस ने जबरन फंसाया था और उन्हें इस मामले में डिस्चार्ज किया जाए।
गिरफ्तार किए गए लोगों में नुरुल हुडा शमशुदा, शब्बीर अहमद मसिउल्लाह (मृत), रईस अहमद रज्जब अली मंसूरी, डॉ. सलमान फ़ारसी अब्दुल, डॉ फरोग इक़बाल अहमद मगदुमि, शेख मोहम्मद अली आलम अनामत अली शेख, आसिफ खान बशीर खान, मोहम्मद ज़ाहिद अब्दुल मजीद अंसारी, अबरार अहमद गुलाम अहमद, रियाज अहमद सफी अहमद (फरार), इश्तियाक अहमद मोहम्मद इसाक (फरार), मुनव्वर अहमद मोहम्मद अमीन (फरार), मुज़म्मिल (पाकिस्तानी फरार) शामिल है।