शिमला: सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण मनाली-लेह मार्ग पर रोहतांग टनल के अलावा तीन अन्य टनलों का निर्माण किया जा रहा है. इसके लिए देश में पहली बार वायुसेना के एमआई-17 हेलीकॉप्टर से जियोलॉजिकल सर्वे किया जा रहा है. मंगलवार को इसको लेकर कुल्लू और मंडी जिले की सीमा पर भुंतर और नगवाईं के आसपास हेलीकाप्टर से ट्रायल किया गया है. जंहा बुधवार को अब एमआई-17 हेलीकाप्टर लाहौल के उन क्षेत्रों में जाएगा, जहां टनलों का निर्माण होगा.वहीं लेह-लद्दाख पहुंचने के लिए सेना अब इसी सड़क का ज्यादा इस्तेमाल करने जा रही है.
यदि हम बात करें सूत्रों की तो इस बात का पता चला है कि बीते मंगलवार यानी 10 दिसंबर 2019 को दिनभर हेलीकाप्टर भुंतर और नगवाईं के आसपास मंडराता रहा. चीन और पाकिस्तान से सटे इलाकों में 12 माह यातायात सुचारु रखने के लिए केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्रालय ने यह कवायद शुरू की है. मंत्रालय के तहत राष्ट्रीय राजमार्ग अवसंरचना विकास निगम लिमिटेड और वायु सेना ने तीन सुरंगों के लिए भू-भर्गीय सर्वेक्षण शुरू किया है.
एक रिपोर्ट में इस बात का खुलासा हुआ है कि इसमें एक विदेशी एंटीना की सहायता ली जा रही है. मंगलवार को सफल ट्रायल के बाद अब हेलीकाप्टर बुधवार को लाहौल घाटी में सर्वे करेगा. भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण कुल्लू-मनाली एयरपोर्ट के निदेशक नीरज कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि इस सर्वे में टनलों के भू-भर्गीय सर्वे के लिए कुल्लू-मनाली हवाई अड्डे की एक टीम वायु सेना का सहयोग कर रही है. उन्होंने का कि इस तरह का सर्वेक्षण भारत में पहली बार किया जा रहा है.
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