भारत इतिहास बनाने की और अग्रसर, एस्ट्रोसैट उपग्रह का होगा प्रक्षेपण
भारत इतिहास बनाने की और अग्रसर, एस्ट्रोसैट उपग्रह का होगा प्रक्षेपण
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चेन्नई : आज भारत अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में एक और उपलब्धि हासिल करने वाला है. भारत के अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन इसरो ने एस्ट्रोसैट उपग्रह को लेकर अंतरिक्ष में जाने वाले पीएसएलवी-सी-30 के कल होने वाले प्रक्षेपण के लिए उल्टी गिनती शुरु कर दी. आपको बता दे की भारत द्वारा पहले समर्पित खगोलीय मिशन के तहत एस्ट्रोसैट उपग्रह का प्रक्षेपण किया जा रहा है जिसका उद्देश्य आकाशीय वस्तुओं का पूर्ण रूप से अध्ययन करना है. इस रॉकेट के साथ छोड़े जाने वाले उपग्रहों में भारत का पहला बहु-तरंगदैध्र्य वाला अंतरिक्ष निगरानी उपग्रह ‘एस्ट्रोसैट’ भी शामिल है, जो की ब्रह्मांड के कई रहस्य और अहम जानकारियां प्रदान करेगा.

वही आज छह विदेशी उपग्रहों के सफल प्रक्षेपण के साथ ही भारत अंतरिक्ष अनुसंधान की दिशा में अपने 50 वर्ष पूरा कर लेगा. आपको बता दे कि भारत अब तक शुल्क लेकर 45 विदेशी उपग्रहों का अंतरिक्ष में सफलतापूर्वक प्रक्षेपण कर चुका है. इस अवसर पर इसरो ने कहा कि पीएसएलवी-सी30..एस्ट्रोसैट मिशन की उल्टी गिनती सुबह आठ बजे से शुरू हो गई है. 28 सितंबर को सुबह 10 बजे छह सह-यात्रियों, इंडोनेशिया और कनाडा के एक-एक उपग्रह और अमेरिका के चार नैनो उपग्रहों के साथ एस्ट्रोसैट को लेकर जाने वाले पीएसएलवी-सी30 का प्रक्षेपण आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित स्पेस सेंटर से होगा.

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