नई दिल्ली : मानसून सीजन की कमजोरी के चलते जहाँ एक तरफ कृषि उत्पादन की डगर डगमगाती हुई नजर आ रही है वहीँ किसानों का मानना है कि अगर चौथे महीने में भी बारिश नहीं हुई तो उत्पादन में कमी आ सकती है. इसके साथ ही यह भी बता दे कि इसी बारिश की कमी के चलते अब कॉटन की कीमतों में भी उछाल आने की सम्भावना बनी हुई है. पहले ही कम उत्पादन की वजह से कॉटन की कीमतों में बढ़त बनी हुई है और यदि ऐसा हुआ तो और भी बढ़ोतरी के आसार बने हुए है.
गौरतलब है कि पिछले कुछ दिनों के अंतर्गत कॉटन की कीमतों में 1200 प्रति गांठ के लगभग बढ़ोतरी भी हुई है. और बारिश की कमी की सम्भावना यह अंदेशा जगा रही है कि आने वाले दिनों में यह कीमत 2000 प्रति गांठ भी हो सकती है. जानकारों का कहना है कि इस वर्ष में देश में 15 प्रतिशत की कमी बारिश में देखी गई है, जिसके तहत कॉटन के सबसे बड़े उत्पादक राज्य गुजरात में भी 25 प्रतिशत तक अंबरीश की कमी रही है. एक्सपर्ट्स का कहना है कि बारिश में कमी को देखते हुए बुआई भी कम ही की गई है और इस कारण कीमते अधिक रहने के पूरे आसार है.