नई दिल्ली : केंद्रीय कैबिनेट ने भ्रष्टाचार पर काबूपाने और लगाम लगाने के लिए भ्रष्टाचार निरोधक कानून को पहले से ज्यादा सख्त बनाने का फैसला किया है। कैबिनेट ने बुधवार को इस कानून में संशोधनों को मंजूरी दे दी है। इसमें भ्रष्टाचार के लिए अधिकतम सजा पांच से बढ़ाकर सात साल करने का प्रावधान है। न्यूनतम सजा भी छह महीने की जगह तीन साल करने का प्रस्ताव रखा गया है।
भ्रष्टाचार में सजा बढ़ाए जाने से यह गंभीर अपराधों की श्रेणी में आ जाएगा। भ्रष्टाचार के मामलों को जल्द निपटाने के लिए दो साल की समयसीमा निर्धारित करने का भी प्रावधान किया गया है। गृह मंत्रालय के अनुसार पिछले चार साल में भ्रष्टाचार निरोधक कानूनों से जुड़े मामलों के निपटारे में औसतन आठ वर्ष से ज्यादा समय लगा।
संशोधनों में कुर्की का हक जिला कोर्ट की जगह सुनवाई अदालत (विशेष जज) को देने का भी प्रावधान है। सरकारी कर्मियों द्वारा जानबूझकर रईसी का दिखावा भी आपराधिक कदाचार माना जाएगा। साथ ही बेहिसाब संपत्ति की मिल्कियत को इस अवैध रईसी का सबूत समझा जाएगा।