कोरोना : इंदौर में है डॉक्टरों की भरमार, फिर भी है ऐसा हाल
कोरोना : इंदौर में है डॉक्टरों की भरमार, फिर भी है ऐसा हाल
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मध्य प्रदेश के इंदौर शहर में स्थिति खराब होती नजर आ रही है. कोरोना के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है. वहीं जिस शहर में तीन हजार से ज्यादा योग्य डॉक्टर हैं, वहां प्रशासन को यलो-ग्रीन केटेगरी के 25 अस्पतालों को संभालने में पसीना छूट रहा है. हालत यह है कि डॉक्टर न क्लीनिक पर मिल रहे हैं, न दोनों केटेगरी के अस्पतालों में. इलाज के लिए मरीज दर-दर भटक रहे हैं. सुनवाई करने वाला कोई नहीं है. प्रशासन ने एस्मा लागू कर स्थिति संभालने की कोशिश तो की लेकिन शहर के आधे से ज्यादा डॉक्टर किसी अस्पताल से नहीं जुड़े हैं. ऐसे में एस्मा का कोई असर इन पर नहीं पड़ेगा क्योंकि प्रशासन क्लीनिक खोलने नहीं दे रहा और इन डॉक्टरों को किसी निजी अस्पताल में ले जाकर मरीज का इलाज करवाया नहीं जा सकता. ऐसी स्थिति में अस्पतालों को ग्रीन-यलो केटेगरी के बांटने के बावजूद आम आदमी को साधारण इलाज भी नहीं मिल पा रहा है. विशेषज्ञ भी मानते हैं कि क्लीनिक खोलने की अनुमति दिए बिना अस्पतालों की हालात सुधारना संभव नहीं है.

बता दें की इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के आंकड़ों के अनुसार शहर में 2300 के लगभग एमबीबीएस डॉक्टर हैं. होम्योपैथी, आयुर्वेदिक, यूनानी आदि पैथियों को मिलाकर यह संख्या तीन हजार पहुंच जाती है. इनमें से आधे से ज्यादा यानी करीब 1650 ऐसे हैं जो सिर्फ निजी प्रैक्टिस करते हैं. हाल ही में शासन ने एस्मा लागू कर डॉक्टरों का कार्यस्थल पर उपस्थित होना अनिवार्य तो कर दिया लेकिन दूसरी तरफ क्लीनिक खोलने को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं है. ऐसे में छोटी-मोटी बीमारी से परेशान आम इंदौरी को इलाज कैसे मिलेगा, यह स्पष्ट नहीं है.

जानकारी के लिए बता दें की प्रशासन ने शहर के अस्पतालों को ग्रीन-यलो-रेड केटेगरी में बांटा है. ग्रीन-यलो केटेगरी में शहर के करीब 25 अस्पताल शामिल हैं. उन्हें निर्देशित किया गया है कि वे अपने यहां कार्यरत डॉक्टरों को अनिवार्य रूप से अस्पताल में उपस्थित होने को कहें. अस्पताल डॉक्टरों को बुला भी रहे हैं लेकिन क्लीनिक नहीं खुलने से हर व्यक्ति को अस्पताल तक जाना पड़ रहा है. ऐसे में वहां मरीजों की संख्या नियंत्रित नहीं हो रही. असर यह है कि मरीज अस्पताल दर अस्पताल भटक रहे हैं. नईदुनिया ने विषय के विशेषज्ञों से बात कर जानने की कोशिश की कि कैसे इस समस्या का समाधान किया जा सकता है.

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