कोरोना वायरस की वजह से लगे लॉकडाउन के कारण सभी लोग अपने घरों में हैं। इसके साथ ही इस दौरान लोग सबसे ज्यादा स्मार्टफोन और लैपटॉप जैसे डिवाइसेज का उपयोग रहे हैं। परन्तु इस ही बीच एक रिपोर्ट सामने आई है, जिसमें दावा किया गया है कि ज्यादातर यूजर्स वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग एप पर बिजनेस मीटिंग करने के साथ-साथ दोस्तों और परिवार के लोगों के साथ बातें करने में समय बिता रहे हैं।
71 फीसदी यूजर्स वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग एप पर हैं एक्टिव
बोबले एआई की रिपोर्ट के मुताबिक, 71 फीसदी यूजर्स इस समय जूम, हैंगआउट, गूगल ड्यूओ और हाउसपार्टी जैसे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग एप पर एक्टिव हैं। साथ ही लॉकडाउन के दौरान हाउसपार्टी एप की एक्टिव यूजर्स की संख्या में तेजी से वृद्धि हुई है।
फिटनेस और मनोरंजन एप पर एक्टिव हैं यूजर्स
बोबले एआई की रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि यूजर्स लॉकडाउन के दौरान अपने आप को फिट रखने के लिए फिटनेस एप का इस्तेमाल कर रहे हैं। साथ ही यूजर्स ने जानकारी बढ़ाने के लिए विभिन्न शैक्षिक एप और फिल्म देखने के लिए मनोरंजन एप का उपयोग किया है।
शैक्षिक एप की इंगेजमेंट रेट में हुआ इतना इजाफा
रिपोर्ट के अनुसार, यूजर्स इस समय अडेमी, अनएकेडमी और बायजूस जैसे ई-लर्निंग एप का उपयोग कर रहे हैं। साथ ही इन एप की इंगेजमेंट रेट में 25.12 फीसदी का इजाफा हुआ है।
Deloitte की रिपोर्ट
Deloitte की एक रिपोर्ट के अनुसार पोकर और रमी जैसे ऑनलाइन गेम सालों-साल बहुत ही तेजी से आगे बढ़ रहे हैं और इसी बीच लॉकडाउन होने के कारण इस तरह के गेमिंग में भारी इजाफा देखने को मिल रहा है।इसके साथ ही पोकरबाजी गेम के मार्केटिंग डायरेक्टर वरुण गंजू के मुताबिक उनकी साइट के ट्रैफिक में 25 फीसदी का और ट्रांजेक्शन में 20 फीसदी का इजाफा हुआ है। ऑनलाइन कार्ड गेमिंग की कमाई साल 2013-14 में 258 करोड़ और 2017-18 में 3,400 करोड़ रही है। ऑनलाइन गेमिंग में इजाफा होने का सबसे बड़ा कारण सस्ते स्मार्टफोन और सस्ता इंटरनेट है। भारत में जुआ खेलना गैरकानूनी है, परन्तु अलग-अलग राज्यों में इसके लिए अलग-अलग कानून हैं। उदाहरण के तौर पर समझें तो यदि कोई खेल भाग्य आधारित है तो उसे जुआ माना जाएगा, हालाँकि यदि कोई खेल कौशल आधारित है तो उसकी गिनती जुआ में नहीं होगा।
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