महामारी कोरोना को हराने के लिए डॉक्टर, वैज्ञानिक, सरकार, पुलिस-प्रशासन के साथ आम लोग भी शिद्दत से लगे हुए हैं. यही कारण है कि आज देश इस खतरनाक वायरस से सफलतापूर्वक लड़ने में सक्षम है. हम यहां आईआईटी के वैज्ञानिकों द्वारा बनाए गए ऐसे 'कोरोना कवच' के बारे में बता रहे हैं, जो कोविड-19 से लड़ाई में डॉक्टरों और नर्सों के साथ आम लोगों के लिए भी कारगर हथियार साबित होने जा रहे हैं.
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अपने बयान में आईआईटी गोवा के निदेशक बी के मिश्रा ने बताया कि संस्थान हेल्थकेयर प्रोफेशनल्स और आवश्यक कामकाज करने वालों के लिए फेशशील्ड बना रहा है. आईआईटी गोवा के मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग के अमय नाईक देसाई, सिदेश सुदर्शिनी और सचिन कोरे ने लो-कॉस्ट ट्रांसपैरेंसी शीट्स के साथ थ्रीडी प्रिंटेड फेस शील्ड का निर्माण किया है. इन फेस शील्ड को प्रोटेक्टिव मास्क के साथ इस्तेमाल किया जा सकता है.
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आपकी जानकारी के लिए बता दे कि मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग के अरिंदम दास भी लो-कॉस्ट एंटी-वायरल कोटिंग बनाने में लगे हैं. इसका प्रयोग पीपीई और अन्य को अतिरिक्त सुरक्षा प्रदान कर सकता है. इस बारे में आईआईटी गोवा के निदेशक बी के मिश्रा का कहना है कि इस आपदा के समय जरूरी है कि संस्थान कोरोना वायरस से लड़ने वाली डिवाइस का निर्माण जल्दी से करे, ताकि फील्ड में मौजूद लोगों को इसका फायदा मिल सके.
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