सभी यात्री ट्रेनें अब 14 अप्रैल तक रद कर दी गई हैं. रेल मंत्रालय ने यह कदम कोरोना को फैलने से रोकने के लिए उठाया है. रेलवे बोर्ड की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति में यह जानकारी दी गई है. इससे पहले रेलवे बोर्ड की बैठक के बाद रेल मंत्रालय ने 22 मार्च मध्यरात्रि से 31 मार्च तक सभी ट्रेनें रद करने का फैसला किया था. आदेश में कहा गया था कि इस दौरान केवल मालगाड़ी ही चलेंगी. अभी भी मालगाड़ियों के आवागमन पर रोक नहीं लगाई गई है. यानी देश के विभिन्न हिस्सों में आवश्यक आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए माल गाड़ियों की आवाजाही जारी रहेगी.
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इस मामले को लेकर प्रेस विज्ञप्ति में बताया गया है कि सभी मेल, एक्सप्रेस एवं पैसेंजर ट्रेनें, उपनगरिय ट्रेनें 14 अप्रैल तक रद रहेंगी. रद ट्रेनों में प्रिमियम ट्रेनें भी शामिल की गई हैं. जारी निर्देश में कहा गया है कि सभी जोनल रेलवे सख्ती से इस आदेश का पालन कराएं. यही नहीं अधिकारियों से अनुपालन की रिपोर्ट को प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के माध्यम से लोगों को इसकी जानकारी देने का आदेश दिया है, ताकि यात्रियों और आम लोगों को उक्त आदेश के बारे में जानकारी हो सके.
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आपकी जानकारी के लिए बतो दे कि पूर्व में ट्रेनें निरस्त करने के बाद रेलवे ने यात्रियों को सहूलियत दी थी कि उनके टिकट का पूरा किराया वापस दिए जाने के साथ-साथ ट्रेनें छूटने की तिथि से 45 दिन तक टिकट रद हो सकेगा. रेलवे की ओर से जारी मौजूदा आदेश के बाद तमाम लोग अपने रेल टिकट कैंसल करा रहे हैं. इस बीच इंडियन रेल कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉर्पोरेशन (IRCTC) ने लोगों से अपील की है कि वे ट्रेन रद होने की स्थिति में साइट के जरिए अपने ई-टिकट को खुद रद न करें. IRCTC के मुताबिक, इससे उन्हें नुकसान हो सकता है. बता दें कि यदि ट्रेन को रेलवे/सरकार की तरफ से रद किया गया है तो ई-टिकट पर रिफंड पूरा मिलेगा और आपका टिकट स्वत: रद भी हो जाएगा.
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