मध्य प्रदेश के इंदौर में पुलिस पर पथराव के बाद राष्ट्रीय सुरक्षा कानून में निरुद्ध किए गए बदमाश जावेद ने कोरोना से जंग जीत ली है. उसे ठीक होने के बाद अब जबलपुर से भोपाल भेजा जा रहा है. जावेद के साथ एक अन्य बदमाश सलीम को भी भोपाल भेजा गया हालांकि उसकी रिपोर्ट आरंभ से ही निगेटिव मिली थी. इंदौर जेल से लाया गया कोरोना पॉजिटिव व एनएसए का आरोपित बंदी जावेद खान शुक्रवार दोपहर केन्द्रीय जेल से भोपाल रवाना होते वक्त रो पड़ा. उसने कहा कि पुलिस सुरक्षा के लिए है तथा डॉक्टर भगवान का रूप है. महामारी की दशा में दोनों का सहयोग करें और कोरोना को छिपाने की जगह अस्पताल जाकर उपचार करवाए.
मालूम हो कि इंदौर में पुलिस पर पत्थरबाजी के आरोप में जावेद को गिरफ्तार कर एनएसए की कार्रवाई करते हुए जेल भेजा गया था. जिसे 9 अप्रैल को इंदौर पुलिस केन्द्रीय जेल जबलपुर में भर्ती कराने के लिए लेकर आई थी. हालांकि उसे मेडिकल कॉलेज अस्पताल के कोविड 19 वार्ड में रखा गया था, जहां उसने 20वें दिन कोरोना को हरा दिया. मेडिकल से शुक्रवार दोपहर उसे केन्द्रीय जेल ले जाया गया. जहां कागजी खानापूर्ति के बाद पुलिस टीम उसे लेकर एम्बुलेंस से भोपाल रवाना हुई है. जबलपुर केन्द्रीय जेल की जगह उसे भोपाल की जेल में रखा जाएगा.
बता दें की मेडिकल कॉलेज के आइसोलेशन वार्ड से 19 अप्रैल को भागने के पीछे जावेद ने खुद की हत्या का संदेह बताया. उसने कहा कि उस दिन आइसोलेशन वार्ड में भर्ती कोरोना के अन्य मरीजों को दूसरे अस्पताल में शिफ्ट किया जा रहा था. उसे पता चला कि बाकी मरीज दूसरी बिल्डिंग में तथा वह यहां अकेला रहेगा, जिसके बाद षड्यंत्र के तहत उसकी हत्या कर दी जाएगी. मौत के डर ने उसे भागने पर मजबूर कर दिया था. लेकिन वह नहीं पकड़ा जाता तो कोरोना का वायरस उसकी जान जरूर ले लेता.
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