गोरखपुर: देश के राज्य यूपी के गोरखपुर शहर में COVID-19 मरीजों के बढ़ते आंकड़े ने प्रशासन की दिक़्कतें और अधिक बढ़ा दी हैं. जिले में COVID-19 के गंभीर संक्रमितों को बेड नहीं मिल पा रहे हैं. जुगाड़ और गुजारिशें भी काम नहीं आ रही हैं. इसके कारण COVID-19 के मरीज इधर-उधर भटक रहे हैं. जबकि मुख्यमंत्री बीती दो बैठकों में अफसरों को आदेशित कर चुके हैं कि बेडों की संख्या बढ़ाते हुए, संक्रमितों का उचित उपचार किया जाए.
वही सबसे खराब हालत जिला हॉस्पिटल के है. यहां पर COVID-19 मरीजों को एडमिट करने के लिए बेड ही नहीं है. सिर्फ चार बेड लेवल-टू मरीजों के लिए हैं. जबकि रोजाना तीन से चार गंभीर मरीज पहुंच रहे हैं. ऐसी अवस्था में डॉक्टरों को समझ नहीं आ रहा है कि वह संक्रमितों को रेफर कहां करें. साथ ही बीआरडी मेडिकल कॉलेज में लेवल-टू तथा थ्री के 200 बेड हैं. इनमें 160 बेड लेवल-टू के सीरियस मरीजों के लिए हैं, तथा 40 बेड वेंटिलेटर युक्त हैं. इनमें लेवल-टू के 106 मरीज एडमिट हैं. जबकि वेंटिलेटर के सभी बेड फुल हैं.
साथ ही कॉलेज एडमिनिस्ट्रेशन का कहना है कि रिक्त बेड पर सिर्फ गंभीर मरीजों को ही एडमिट किया जा रहा है. वही रेलवे हॉस्पिटल में लेवल-वन को अपग्रेड करके लेवल-टू में परिवर्तित किया गया है. 25 बेड लेवल-टू के हैं. मौजूदा वक़्त में 20 मरीज एडमिट हैं. पांच बेड रेलवे कर्मचारियों के लिए सुरक्षित रखा गया है. यहां भी मरीजों को एडमिट नहीं किया जा रहा है. इसी के साथ राज्य में कोरोना के मामलों में लगातार वृद्धि हो रही है.
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