बनी हुई है नेताजी की मौत की गुत्थी, विदेशी एजेंसियों को था जीवित होने का विश्वास
बनी हुई है नेताजी की मौत की गुत्थी, विदेशी एजेंसियों को था जीवित होने का विश्वास
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कोलकाता : भारत के वीर स्वाधीनता संग्राम सेनानी और आजाद हिंद फौज के संस्थापक नेताजी सुभाषचंद्र बोस के जीवन और मृत्यु की गुत्थी इतने वर्षों बाद भी वैसी ही बनी हुई है। कोई नेताजी को सन्यासी बताता है तो कोई कहता है उनमें गायब होने की क्षमता है। मगर नेताजी को लेकर रहस्य अभी भी बना हुआ है। सरकार उन्हें मृत मान चुकी है जबकि उनका परिवार मानता है कि वे विमान हादसे का शिकार नहीं हुए थे। मिली जानकार के अनुसार वर्ष 1948 में सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की ओर से नेताजी के भतीजे अमित नाथ बोस को एक पत्र लिखा गया था।

इस पत्र में उनसे जुड़े रहस्य को लेकर चर्चा की गई थी। मिली जानकारी के अनुसार नेताजी सुभाष चंद्र बोस से जुड़ी फाईलें कोलकाता की राइटर्स बिल्डिंग के पूर्वी विंग के कोने में डिजिटीशेसन के लिए रख दी गई। फाईलों का खुलासा शुक्रवार को किया जा सकता है। मामले में कहा गया है कि फाइलों में वर्ष 1945 में हुए ताईपे विमान हादसे को लेकर भी जानकारी दी गई है और कई तरह के सवाल उठाए गए हैं।

मामले में आईबी के अधिकारी द्वारा कहा गया था कि वे चीनी अखबारों में नेताजी के बारे में छपी खबरों और वास्तविकता के बीच अंतर या समानता का पता नहीं लगा पाए इसका उन्हें दुख है। कहा गया कि नेताजी प्रशिक्षण के लिए रूस चले गए जिससे वे टीटो या माओ बन सकें। ब्रिटिश सरकार का मानना  हैं कि नेताजी मौत की खबरों के बाद भी जीवित थे और वे किसी अवसर के इंतज़ार में थे मगर ब्रिटिश खुफिया एजेंसियां आज तक उनकी मौत को लेकर किसी तरह की पुष्टि नहीं करती हैं। 

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