सिंगापूर में रहने वाले भारतीय मूल के अर्थशास्त्री प्रसेनजीत के. बसु ने कांग्रेस द्वारा एक वीडियो ट्विटर पर अपलोड करने को लेकर आपत्ति जाहिर करते हुए कांग्रेस को कोर्ट में घसीटने की धमकी दी है. दरअसल मामला यह है कि गुरुवार को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी ने सिंगापुर में ली कुआन यिऊ स्कूल ऑफ पब्लिक पॉलिसी के एक कार्यक्रम में हिस्सा लिया था. कार्यक्रम में राहुल गाँधी के साथ हुई बातचीत के एक हिस्से को पार्टी द्वारा ट्विटर पर पोस्ट कर दिया गया. जिसको लेकर बसु ने अपनी आपत्ति जाहिर की है और कांग्रेस पर आरोप लगाया है कि यह वीडियो फेक है. वीडियो में राहुल गाँधी दो लोगों द्वारा पूछे गए कुछ सवालों के जवाब दे रहे हैं.
पार्टी ने इस वीडियो को एडिट करके अपने ट्विटर हैंडलर अकाउंट से ट्विटर पर अपलोड कर दिया जिस पर बसु ने अपनी नाराज़गी जाहिर की है और ट्विटर पर लिखा कि , 'यह एक क्लासिक फेक न्यूज़ वीडियो है. आप अपने राजनेता का झूठा विज्ञापन करने के लिए मेरी छवि का उपयोग कर रहे हैं, जो दिखाया गया है वो हुआ ही नहीं. इस गलत वीडियो को वापस लें या फिर सिंगापूर न्यायालय में पेश होने की तैयारी करें.
बसु ने राहुल गाँधी से प्रश्न पूछा था कि ऐसा क्यों कि देश में जब तक नेहरू गाँधी परिवार का राज रहा, तब तक देश का विकास नहीं हुआ? एक वक़्त ऐसा था जब भारत की प्रति व्यक्ति आय अफ़्रीकी देशों से भी कम थी लेकिन जब से आपने प्रधानमंत्री पद छोड़ा है तब से भारत की प्रति व्यक्ति आय दुनिया के औसत से ज्यादा बढ़ रही है? आपके परिवार के राज के दौरान भारत विकास से अछूता क्यों रहा? इसके बाद एक शख्स कांग्रेस और गाँधी परिवार की तारीफ करता है और वो कहता है कि भारत को आज जिस चीज़ पर नाज़ है वो कांग्रेस की ही देन है. प्रश्न पूछने वाले दोनों लोगों को जवाब देते हुए राहुल गाँधी ने कहा कि, आप दोनों अतिवादी हो रहें हैं. राहुल गाँधी ने कहा कि एक हर समय के लिए मुझे जिम्मेदार ठहरा रहे हैं तो दूसरे मुझे समाधान दे रहें हैं यह धुर्वीकरण है. राहुल गाँधी के इस जवाब की खूब तारीफ की जा रही है. आपको बता दें कि राहुल गाँधी थाईलैंड और सिंगापूर इन दोनों देशों के दौरे पर थे और आज भारत लौट आएंगे.
This is a classic fake-news video. You are using my image to falsely advertise your politician, showing a sequence of events that did not occur. Withdraw this false video, or prepare for prosecution in Singapore’s courts!
— Prasenjit K. Basu (@PrasenjitKBasu) March 8, 2018